'कभी नहीं, कभी नहीं' वाली कविता'कभी नहीं, कभी नहीं' कविता इस पोस्ट में एक ऐसी कविता दी गयी है जिसे लेखन ने अपना का मनोरंजक व सामाजिक बुद्धि का उपय…
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क्यूं आज वो फिर मेरा पता ढूंढ़ रहा है पतझड़ में बहारों की फिज़ा ढूंढ रहा है, पागल है जो दुनिया में वफ़ा ढूंढ़ रहा है। ख़ुद अपने ही हाथों से वो घर अपना जलाकर, अब स…
परों को खोल ज़माना उड़ान देखता हैपरों को खोल ज़माना उड़ान देखता है, ज़मीं पे बैठके क्या आसमान देखता है। मिला है हुस्न तो इस हुस्न की हिफ़ाज़त कर, सँभल के चल …
Kumar Vishwas Shayari in HindiKumar Vishwas Shayari in Hindi कुमार विश्वास जी की शायरियां उनके अनूठे अंदाज और प्रेम, समाज, और देशभक्ति के भावों के साथ जान…