Top 2 Line Love Shayari in Hindi
हुस्न और इश्क़ की भी कितनी गजब की यारी है।
एक खूबसूरत परिंदा दूसरा लाजवाब शिकारी है।।
मैं राज तुझसे कहूं हमराज बन जा ज़रा।
करनी है कुछ गुफ्तगू अल्फाज़ बन जा ज़रा।।
सदा दिवाली संत की बारह मास बसंत।
प्रेम रंग जिनपर चढ़े उनके रंग अनंत।।
हक़ीक़त ना सही तुम ख़्वाब बन कर मिला करो,
भटके मुसाफिर को चांदनी रात बनकर मिला करो।
जब मुझे प्यास लगती हैं न, तो आपके रसीले
होठों की बहुत याद आती हैं।
प्यार वही हैं जो आँखों से काजल बहने न दे।
और होठों पर तो लिपस्टिक रहने न दे।।
मेरी बाँहों में बहकने की सज़ा भी सुन लो,
अब बहुत देर में आज़ाद करूँगा तुझको।
रात का मौसम हो, नदी का किनारा हो।
गाल आपका हो, और किऽस हमारा हो।।
इससे ज़्यादा तुझे और कितना करीब लाऊँ मैं,
कि तुझे दिल में रख कर भी मेरा दिल नहीं भरता।
उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा,
आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा ।
किसकी तमन्ना करें हम तेरे बगैर जीने का।
कोई मज़ा ही नहीं तेरे बगैर।।
आज हंगामे के साथ तेरी याद आयी,
बेताब है दिल उलझी है सांसे तेरे बगैर।
मिलावट है तेरे इश्क़ में, इतर और शराब की।
कभी हम महक जाते है, कभी हम बहक जाते है।।
BEST 2 LINE LOVE SHAYARI
मेरे दिल की चाहत नहीं जनता क्या,तु मेरी आदत है, नहीं जनता क्या।
वो हिचकीयां भी बड़ा सुकून दे जाती हैं।
जो सिर्फ तेरा नाम लेने पर रूक जाती हैं।।
तेरे दीदार से पहले की बात है -2,
हम जैसे तो इश्क से दूर रहा करते थे।
तेरा जिक्र किये बिना कैसे जिंदगी की कहानी लिखूं।
इश्क़ लिखूं, वफ़ा लिखूं या फिर जिंदगानी लिखूं।।
कुछ तो अपना सा लगता है तेरे मेरे दरमियान,
एक पल के इंतज़ार का वक़्त बरसो सा लगता है।
देखने के लिए तो पूरी दुनिया भी कम है।
चाहने के लिए एक चेहरा ही काफी है।।
मानो तो एक " दिल का रिश्ता " है हम सभी का,
ना मानों तो " कौन " क्या " लगता " है किसी का।।
तुम्हारी वफाओं पर तो भरोसा है हमें।
मगर अपने नसीब से डर लगता है।।
दिल एक ही है तो कई बार क्यों लगाया जाए,
एक इश्क़ ही काफी है सही से निभाया जाये।।

सुकून से तेरी तस्वीर देख के महफूज़ कर लेते हैं।
तन्हाई में जब भी याद आये तुझे महसूस कर लेते है।।
सिर्फ चाकू-छुरी पर ही बंदिश क्यों,
कुछ निगाहें भी तो क़ातिल होती हैं..!!
मैं कोई रिश्ता नहीं जो तुम निभाओगे ..
मैं मोहब्बत हूँ, बस मोहब्बत से ही पाओगे।
तेरी खैरियत का ही जिक्र रहता है दुवाओ में।
मसला मोहब्बत का ही नहीं, फ़िक्र का भी है।।
शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आपकी कमी सी है!
ना दस्तक दी किसी ने, ना ही कोई आहट हुई।
बस दिल धड़का और लगा, हमें भी मोहब्बत हुई।।
ना हो हाथों में हाथ, फिर भी आस रहने दो।
जरूर मिलेंगे कभी, दिल में यह एहसास रहने दो।।
उठके महफिल से मत चले जाना, मेरे दोस्त
तुमसे रोशन इस महफिल का हर एक कोना है।।
दिल से अपनाया ना उसने, गैर भी समझा नहीं।
यह भी एक रिश्ता है, जिसमें कोई रिश्ता नहीं।।
होती थी नफरत कभी मोहब्बत के नाम से जिसको।
उसकी दीवानगी पर कयामत भी आज हंसने लगी!!
मत ढूंढो कि दुनिया में खूबसूरत कौन है।
देखो उसे, जिसके होने से आपकी दुनिया सुंदर है!
एक मुलाकात की आस में हम जिंदगी गुजार लेंगे,
तुम हां तो कहो, तुम्हारे लिए हम इंतजार करेंगे।
लम्हो का इश्क़ नहीं सदियों की इबादत है,
कैसे करे शिकायत हर सांस को तेरी चाहत है।
हम तुम्हें कभी खुद जुदा नहीं होने देंगे,
तुम देर से मिले, इतना नुकसान ही काफी है।
जिन्दा रहना है तो शौक को जिन्दा रखिये,
उम्र की ऐसी तैसी मन उड़ता परिंदा रखिये।
ज़ोर नहीं इस पर मेरा क्या होता है मुझको,
इश्क़ में तेरे बस, बेबस पाता हूं मैं खुद को ।
रोज़ एक ताज़ा शेर कहाँ से लिखूं तेरे लिए,
तुझमें तो रोज़ एक नई बात हुआ करती है।।
अपनी धड़कनों से कुछ ऐसे मेरा नाम लो,
ये वक़्त रुक जाये इन लम्हों को थाम लो।
इश्क़ तो मेरा महफूज़ है तुझमें।
जिस्म अलग है मगर रूह है तुझमे।।
यादें और शमाँ भरी हैं बस इस दिल में,
बस तू ही तू है और सिर्फ तू है मुझमें।।
तेरे इंतज़ार में मेरा बिखरना इश्क़ है,
तेरी मुलाकात के लिये निकलना मेरा इश्क़ है।
विरासत में हूँ मैं तेरे हसीं ख्वाबों की,
बस दुआ है कोई जमानत ना कर दे हमारी।
जो मेरे दिल में मेरी जिंदगी में रह सके,
किसी को इतनी इज़ाज़त नहीं सिवा तेरे।।
कैसे बताऊं तुम्हे दिल की बात,
कि हर बात बताना नहीं आता।
काश तुम समझ जाते आँखों की जुबाँ,
कि मुझे लफ्ज़ों में समझाना नहीं।।
मेरी हर ख़ुशी हर बात तेरी है,
सांसो में छुपी हयात तेरी है।
दो पल भी नहीं रह सकते तेरे बिन,
धड़कनों की धड़कती हर आवाज़ तेरी है।।
मोहब्बत की महफ़िल में खुदगर्जी नहीं चलती।
कम्बख्त मेरे ही दिल पे कभी मेरी मर्ज़ी नहीं चलती।।
मोहब्बत ताउम्र अजनबी ही रहे तो ही अच्छा है,
सुना है अहमियत खो देती है मुलाकात के बाद।
एक बात बोलूं तुम मानो या ना मानो,
पर तुम्हारे सिवा कहीं दिल नही लगता..!!
इश्क़ वो जुबान है जो अक़्ल बेजुबां कर डाला।
हसरतें हसीन कर डाली हयात इम्तिहान कर डाला।।
सरहद नहीं हम जो सिर्फ लकीरों में मिलेंगे,
हम खुशबू ए वफ़ा हैं दिल के हर कोने में मिलेंगे।।
उन्हें देखते ही ये चेहरा कुछ ऐसे खिल जाता है,
जैसे उनके होने से मुझे सब कुछ मिल जाता है।
सौ बार तलाश किया हमने खुद को खुदा में,
एक तेरे सिवा कुछ नहीं मिला मुझको।
शमाँ बाँध देते है तुम्हारे ख्याल कुछ इस तरह मन में,
दौर-ऐ-गुफ्तगू चलता है सारी रात आँखों में।
सुना है कि जिंदगी के सफर में जो देर से मिलते है,
उनका साथ जिंदगी की अंतिम सांस तक होता है।।
थाम लो मेरा हाथ और मुझे दुनियाँ से दूर ले जाओ,
जहाँ मुझे देखने वाला तेरे सिवा कोई और ना हो।
तुम मिल गए तो मुझसे नाराज है खुदा,
कहता है कि तू अब कुछ माँगता नहीं।
वो मेरे चेहरे तक अपनी नफरतें लाया तो था,
मैंने उसके हाथ चूमे और बेबस कर दिया।