Best Emotional Shayari in Hindi
गली गली यूं मोहब्बत के ख्वाब बेचूंगा।
मैं रख कर रेहड़ी पर ताजा गुलाब बेचूंगा।।
यादों की जड़ें फूट ही पड़ती हैं कहीं से।
दिल सूख जाता है मगर बंजर नहीं होता।।
ये हुनर तो सिर्फ लड़कों के ही हक में आया।
महबूब से बिछड़ कर लड़कियां कब पागल हुई।।
अब तो इस राह से वह शख्स गुजरता भी नहीं।
अब किस उम्मीद के झरोखे से झांके कोई.....।
मसला यह नहीं कि तुम मिल नहीं पाओगे,
मसला तो यह है कि हम भूल नहीं पाएंगे।।
हंसी में हमने बड़े राज समेटे हैं।
जो कह ना सकें वो अल्फाज समेटे हैं।।
कुछ बेचैनियां कुछ गुमसुम आवाज लिए।
कुछ दिल के ज़ख्म लाइलाज समेटे हैं।।
क्यों कोई मेरा इंतजार करेगा।
अपनी जिन्दगी मेरे लिए बेकार करेगा।।
हम कौन किसी के लिए खास हैं।
क्या सोचकर हमें कोई याद करेगा।।
गहराई प्यार में हो तो बेवफाई नहीं होती।
सच्चे प्यार में कहीं तन्हाई नहीं होती।।
मगर प्यार जरा सम्हलकर करना दोस्त।
प्यार में मिले ज़ख्म की कोई दवाई नहीं होती।।
पता क्या था हमें होती क्या है शायरी।
टूटे दिल लफ़्ज़ों से खेलना सिखा दिए।।
आईना आज फिर रिश्वत लेता पकड़ा गया।
दिल में दर्द था और चेहरा हंसता पकड़ा गया।।
खंजर भी हैरान था मेरे ज़ख्म देखकर।
बोला क्या इश्क़ में मुझसे तेज धार होती है।।
जुदाइयों के ज़ख़्म दर्द-ए-ज़िंदगी ने भर दिए,
तुझे भी नींद आ गई मुझे भी सब्र आ गया।
तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है,
तुम्हारे बाद ये मौसम बहुत सताएगा।
अब ख़ुशी की तलाश रहने दो,
मुझको यूँ ही उदास रहने दो।
खुशियाँ ले जाओ तुम मेरी,
मेरा दर्द मेरे ही पास रहने दो।।
आज तुम्हारी याद ने मुझे रुला दिया,
क्या करू तुमने जो मुझे भुला दिया।
ना करते वफ़ा न मिलती ये सजा,
मेरी वफ़ा ने तुझे बेवफा बना दिया।।
इस बड़ते दर्द को मत रोक,
ये तो सजा है किसी के इंतज़ार की।
लोग इसे आंसू कहे या दीवानगी,
पर ये तो निशानी है किसी के प्यार की।।
जिसको हमने दिल में सम्भालकर रखा था।
उसी ने हमें ब्लाक लिस्ट में डाल रखा था।।
उस नम्बर ने हमें सबसे ज्यादा घायल किया।
जिस नम्बर को हमने सबसे ज्यादा डायल किया।।
कुछ दिल की मजबूरी कुछ किस्मत के मारे थे।
साथ वो भी छोड़ गए जो जान से प्यारे थे।।
मोहब्बत की नफ़ासत का बहाना भूल जाओगे,
हमारे ज़ख्म देखोगे तो निभाना भूल जाओगे।
हमें तो दर्द माफिक है मौसम-ए-हिज्र में हमदम,
इसे तुम जी के देखोगे ज़माना भूल जाओगे।।
टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गए।
किसी को कहीं लग ना जाएं,
इसलिए सबसे दूर हो गए।।
दिल तो हमारा वो आज भी बहला देते हैं।
बस फर्क सिर्फ इतना है....
पहले हंसा देते थे पर अब तो रुला देते है!
बात वफ़ा की होती तो कभी ना हारते,
बात नसीब की थी कुछ कर ना सके।
चिंगारी का ख़ौफ़ ना दिया करो हमें,
हम अपने दिल में दरिया बहाये बैठे हैं।
अरे हम तो कब का जल गये होते इस आग में,
लेकिन हम तो खुद को आंसुओं में भिगोये बैठे हैं।।
जो सबको संभालने की कोशिश करता हैं न,
उसको संभालना हर कोई भूल जाता हैं…
ऐ हवा उनके घर के रास्ते से,
तू ज़रा थम के गुज़रा कर।
वो थोड़े नाराज़ हैं हमसे,
उनके इत्र की ख़ुशबू ही
हम तक पहुंचा जाया कर।।
जुदाई ने तुम्हारी हमें बेहाल कर दिया,
अचानक चले गए तुमने कमाल कर दिया।
ना कोई हमदर्द रहा ना कोई सहारा रहा !
ना किसी के हम रहे ना कोई हमारा रहा !!
ना दिल के दर्द भरे ना शराब सहारा हुई।
ना वो फिर कभी मिली ना मोहब्बत दुबारा हुई।।
कुछ दिल की मजबूरी थी कुछ किस्मत के मारे थे,
साथ वो भी छोड़ गए जो जान से भी ज्यादा प्यारे थे!
वो क्या समझती हैं, हम उसके बिना मर जाएंगे।
हम तो दरिया है समंदर में उतर जाएंगे।।
वो तरस जाएगी मेरी एक लफ्ज प्यार के लिए,
हम तो बादल हैं किसी और पे बरस जाएंगे।।
भटक गये उन राहों पे, जहां मंज़िल का ठिकाना न था।
गयी जिंदगी उन राहों पे, जहां हमें जाना न था।।
कुछ किस्मत की मेहरबानी, कुछ हमारा भी कसूर था।
हमने खो दिया सब कुछ वहाँ, जहाँ कुछ पाना न था।।
चलो न साथ चलते हैं समन्दर के किनारों तक,
किनारे पर ही देखेंगे किनारा कौन करता है।
फूल राहों में गर बिछे ना होते,
दर्द के फिर सिलसिले ना होते।
ज़िन्दगी मौज में ही गुज़र जाती,
ग़र हम कभी मिले ना होते।।
अकेलापन कहता है महबूब बनाया जाए,
जिम्मेदारियां कहती हैं वक्त बर्बाद होगा।
जो आए मेरे मन में तो धीरे से पढ़ लेती है,
मैं लाख मना करूं तो फिर भी ,
कागज से कलम सब कुछ कह देती है।
श+राब दौड़ रही है लोगों के रगों में खून नहीं,
मेरी निगाह में अब कोई अफलातून नहीं।
अब तो मैं भी बड़े तजुर्बे से कहता हूं,
गुनाह करने वाले को कहीं भी सकून नहीं।।
दर्द की दास्तान अभी बाकी है,
मोहब्बत का इम्तिहान अभी बाकी है।
दिल करे तो जख्म देने आ जाना कभी भी,
दिल ही टूटा है जान तो अभी बाकी है।।
तुम तो आनलाइन होने पर भी रिप्लाई नहीं देते,
हम हिचकियां आने पर भी डाटा आन कर देते हैं।
टुकड़े टुकड़े में तोड़ा है उसने मुझे,
मैं उसके सामने बेबस हूं यह मालूम था उसे।
हम लौट आए फिर से उसी कैदे तन्हाई में,
ले गया था हमें कोई जन्नतों का लालच देकर।
वादों से भरी जंजीर थी जो तोड़ दी हमने,
अबसे जल्दी सोया करेंगे मोहब्बत छोड़ दी हमने।
एक शख़्स कर रहा है अभी तक वफ़ा का जिक्र,
काश उस जबां - दराज का मुंह नोच ले कोई।
हमें तो इश्क के दो लफ्ज़ भी नसीब ना हुए,
और बदनाम ऐसे जैसे इश्क के बादशाह थे।
मत सोना किसी की गोद में सर रखकर जनाब! जब वह छोड़ना है तो रेशम के तकिए पर भी नींद नहीं आती।
सच ही कहा था मुझसे एक फ़कीर ने कि,
लोग अपना कहेंगे पर अपना कभी मानेंगे नहीं।
अगर इश्क करो तो वफा भी सीखो साहब!
ये चंद दिन की बेकरारी मोहब्बत नहीं होती।।
तुम अपनी कहानी जारी रखो प्रिये,
हमारा अध्याय यहीं समाप्त होता है।
आसमां जमीन पर लगता है जब पैसा पास हो,
जह़ऽर लगती है दुनियां जब दिल उदास हो।
तुम जो कहो, सही हो, जरूरी है क्या ?
तेरी शिकायतों में रब की मंजूरी है क्या ?
दिल के जज्बातों को तुमने समझा ही कब है,
रोकर भी कोई मुस्कुराए, मजबूरी है क्या ?
सामान बांध लिया है मैंने अब बताओ ग़ालिब..
कहां रहते हैं वे लोग जो कहीं के नहीं रहते?
टुकड़े पड़े थे राह में किसी हसीना की तस्वीर के,
लगता है कोई दीवाना आज समझदार हो गया।