Top Desh Bhakti shayari
हमारी पहचान तिरंगा है, हमारा सम्मान तिरंगा है,
जिएं या मरें, हर हाल में हमारा अभिमान तिरंगा है।
बलिदानों की ज्वाला जलाए रखना,
लहराता तिरंगा यूं ही उठाये रखना।
जान
जाए तो जाये अब कोई गम नहीं,
देश पर कुर्बानियों का मातम ना कर,
मौत
के बाद भी खुद को मुस्कराए रखना।।
न झुकने देना कभी इसके मान को,
न मिटने देना कभी इसकी शान को।
चाहे कुर्बान करनी पड़े जान को।।
अपने सीने से इसको लगाए रखना
ये
तिरंगा यूं ही उठाये रखना।।
बनाना है हमें अब अपने हाथों क़िस्मत को,
हमें अपने वतन का बेड़ा पार करना है।
इन रंगों में बलिदानों का रंग तुम्हें मिल जायेगा,
ओढ़ तिरंगा निकलोगे जब अहसास तुम्हें हो जाएगा।
कितनों ने इसके खातिर खुद
को सूली चढ़ा दिया,
यह इतिहास के पन्नों में पढ़ने को मिल जायेगा।।
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है।
काश मरने के बाद भी वतन के
काम आता,
शहीदों के दुनिया में अपना भी नाम आता।
हंस के लुटा देते
जान इस वतन के खातिर,
कोई फिक्र नहीं होती ग़र ऐसा मुकाम आता।।
जमीन से प्यार करना सिखा दिया जिन्होंने,
उन वीरों को सलाम, जो मिट गए देश के लिए।
मर मिटेंगे हम अपने वतन के लिए
,
जान कुर्बान है प्यारे चमन के लिए।
हमसे हमारी अब हसरत ना पूछो,
बाँध
रखा सर पर तिरंगा कफ़न के लिए।।
हर देशभक्त की यही पहचान हो,
सीने में आग और हाथ में तिरंगा हो।
वतन की मिट्टी हम सर झुकाकर सलाम करते हैं,
इस पर कुर्बान हम हर अपनी सांस करते हैं।
हम भी तिरे बेटे हैं ज़रा देख हमें
भी,
ऐ ख़ाक-ए-वतन तुझ से शिकायत नहीं करते।
चाहे जान चली जाए, पर तिरंगा न झुकने देंगे,
इस देश की शान को हमेशा बनाए रखेंगे।
देशभक्तों की कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी,
भारत माता की जय हर गली में गूंजेगी।
Best desh bhakti shayari
सौ जन्मों तक उनके अहसानों को भुला
नहीं सकते,
हम सर कटा सकते हैं लेकिन झुका नहीं सकते।
खींच दी हैं
लकीरें जो अपने जिगर के लहू से,
तुम लाख कोशिश कर लो पर इसे मिटा नहीं
सकते।।
हर जर्रा कह रहा है, ये मिट्टी हमारी है,
खुदा से भी प्यारी, ये धरती हमारी है।
दुख-सुख में हर हालत में भारत दिल
का सहारा है,
भारत प्यारा देश हमारा सब देशों से प्यारा है।
जब भी देश पुकारेगा, हम तैयार खड़े होंगे,
खून से भी मातृभूमि को सींचने को आगे बढ़ेंगे।
देशप्रेम की हर गाथा, प्रेरणा देती जाती है,
शहीदों का लहू हमें भारत माता कहकर बुलाती है।
जो मिट गया वतन के लिए, वो अमर हो गया,
शहीदों का लहू, तिरंगे की शान हो गया।
हम वो चिराग हैं, जो हर तूफान में जलेंगे,
भारत मां की आन पर, हम हर बार मरेंगे।
सीमा पर जो खड़े हैं, उनका कर्ज चुकाएंगे कैसे?
उनके बिना ये सवेरा हम पाएंगे कैसे?
दिल में बसी है भारत मां की सूरत,
इस माटी में ही है मेरी जन्नत।
हमारी सांसों में है तिरंगे का रंग,
मिट जाएं पर ना होगा कभी अपमान।
भारत के वीरों ने लिख दी कहानी,
उनकी शहादत है हमारी निशानी।
नफरत मिटा कर देखो, वतन से प्यार करके देखो,
हर दिल में भारत बसता है, महसूस करके देखो।
जो सैनिक है हमारे देश की शान,
उन पर है हमें गर्व हर सुबह और शाम।
अब है तुम्हारा फर्ज इसे आगे लेकर
जाना है,
इस झंडे को दुश्मन की छाती पर फहराना है।
राज तिलक और भगत
गुरु ने लहू से अपने सींचा है,
तब जाकर हरा-भरा अपना आज बगीचा है ।।
देश का हर कोना बोले, जय हिंद का नारा,
हर दिल गाए, वंदे मातरम दोबारा।
तिरंगा लहराते रहना चाहिए हर दम,
ताकि हर कोई कहे, वंदे मातरम।
लहू मेरे जिगर का कुछ काम तो आया,
शहीदों
में सही लवों पर नाम तो आया।
जाँ से प्यारा वतन इसकी शान के खातिर,
जब
मरे तो इस दिल को आराम तो आया।।