KUCH MILA HI NAHI MALAL KARKE
कुछ मिला ही नहीं है मलाल करके,
हमने देखा है खुद से सवाल करके।
जिसे देख कर तुम दिल हार बैठे हो,
चला जाएगा एक दिन बवाल करके।
जो हासिल है बस वही तुम्हारा है,
इसको हि रखना है सम्हाल करके।
शिकायत में माहिर है दुनिया ये सारी,
खूबियां है तो दिखाओ कमाल करके।
हर अल्फाज को अफसाना मत समझना,
कुछ लिखते हैं कलेजा निकाल करके।
लेखक: सुमन लता, स्रोत: सोशल मीडिया
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