Top sad shayari in Hindi
हम तुम मिले न थे तो जुदाई का था मलाल,
अब ये मलाल है कि तमन्ना निकल गई।
तुम तो मोहब्बत को खेल कहते हो,
हम ने तो बर्बाद ज़िंदगी ही कर ली।
ग़रज़ कि काट दिए ज़िंदगी के दिन,
वो तेरी याद में रहे हों या तुझे भुलाने में।
सबको याद करने वाला अब याद हो गया,
दर्द सहते - सहते दिल आबाद हो गया।
न जाने किसकी बद्दुआ खा गई मुझे,
मैं 25 साल की उम्र में ही बर्बाद हो गया।।
जिंदगी भर रोने के लिए मजबूर कर दिया,
तूने जिस दिन हमको अपने से दूर कर दिया।
अब तो _____ और शायरी की लत लग गई,
देख तेरी बेवफाई ने हमें मशहूर कर दिया।।
हमारे दर्द के किस्से हर एक अंजाम तक पहुंचे,
मुझे जानते थे जो, उनके तो बस कान तक पहुंचे।
जनाजा था मेरा गैरों के कंधों पर आरिफ,
जो अपने थे वो कारों से कब्रिस्तान तक पहुंचे।।
Tute Dil ke shayari in Hindi
आंसुओं के रास्ते आंखों से निकले हुए हैं हम,
किसी के खूबसूरत हाथों से छूटे हुए हैं हम।
परेशान ना कर ऐ जिंदगी जीने भी दे हमें,
तेरी कसम अब तो बुरी तरह से टूटे हुए हैं हम।।
झूठी मोहब्बत की कैद से आजाद हैं हम,
छोड़के जाने वाले क्या तुझको याद हैं हम।
क्या बताएं किसने हमको कितना किया बर्बाद,
बस इतना जान लो कि पूरी तरह से बर्बाद हैं हम।।
किसी शहर की किसी गली में वो महताब रहता है,
फटी हुई किताबों में सूखा हुआ गुलाब रहता है।
सब कहते हैं आजकल मैं बहकी सी बात करता हूं,
जबसे वह छोड़कर गई है दिमाग खराब रहता है।।
Top dard bhari Sad shayari in Hindi
कम उम्र में कौड़ियों के दाम हो जाते हैं,
सारे सपने बाजार में नीलाम हो जाते हैं। जिनके कांधों पर परिवार की जिम्मेदारी होती है दोस्त, वो बेटे अक्सर इश्क़ में नाकाम हो जाते हैं।।
बदनामी में कांटे शामिल होते हैं,
लोग तो अक्सर फूल से घायल होते हैं।
लड़कियां अपना घर बसा लिया करती हैं,
इश्क में तो हरदम लड़के पागल होते हैं।।
मरने के बाद की गई तारीफ और दिल दुखाने के बाद मांगी गई माफी का कोई महत्व नहीं होता।
कुछ वक्त की रवानी ने हमें यूं बदल दिया ग़ालिब! वफा पर आज भी कायम है मगर मोहब्बत करनी छोड़ दी हमने।
तुमने देखा ही कहां है रुतबा हमारा,
एक दौर में चलता था सिक्का हमारा।
उल्टी चालें चली जाती हैं मोहब्बत के खेल में,
एक बेगम से काटा गया था इक्का हमारा।।
तेरी बेवफाई जमाने में सरेआम हो जाएगी,
तेरी आंखें भी छलकता हुआ जाम हो जाएगी।
है लाजमी कि मैं खामोशी से दर्द सहता रहा हूं,
अगर बोल पड़ा तो तू जमाने में बदनाम हो जाएगी।।
किरदार से बद - माश चेहरे से प्यारे लड़के,
यह जो बैठे हैं बेरोजगार बेचारे लड़के।
भाभियों को देखकर ही तो अपना दिल बहलाते हैं,
और कर भी क्या सकते हैं ये कुंवारे लड़के।।
याद भूले हुए लोगों को किया जाता है,
भूल जाओ कि तुम्हें याद किया जाएगा।
इतना कमजोर नहीं की वफादारी का ऐलान करते फिरूं, विश्वास है अपने किरदार पर जो खोएगा ढूंढता फिरेगा।
तुम कदर ना करो, मैं निभाता रहूं; मजाक है क्या?
इक आपके ना देखने से मर गया हूं मैं।
यह देखकर भी आपको सदमा नहीं लगा।।
इस मुफलिसी ने छीन ली लज्जत जुबान से,
मेहनत का फल चखा भी तो मीठा नहीं लगा।
मोहब्बत में हम उन्हें भी हारे हैं,
जो कहते थे कि हम सिर्फ तुम्हारे हैं।
यह तमन्ना भी तमन्ना ही रह गयी बचपने से,
कि घर के हालत को एक रोज संभालता देखूं।
मेरी कमजोर निगाहों की यही एक जिद है,
तेरे पत्थर के कलेजे को एक रोज पिघलता देखूं।
दिन के सूरज को किसी शाम में ढलता देखूं,
इस बहाने ही सही चांद तो निकलता देखूं।
तेरी फितरत है भले रंग बदलना लेकिन,
मेरी हसरत है तुझे रंग बदलते देखूं।।
आंखें छोड़ो आंसू तक लाल हो चुके हैं,
जिंदगी से भी बदहाल हो चुके हैं।
अब तो भूल जा ए नासमझ दिल, अब तो
उसकी शादी के भी कई साल हो चुके हैं।।
इन होटल की रोटियां बुरी सी लगती हैं,
मेरे दिल पर रोज एक नई छुरी सी लगती है।
किन लफ़्ज़ों में मैं बयां करूं तेरी कमी को मां,
तेरे बगैर तो जिंदगी भी अधूरी सी लगती है।।
कम से कम जाते हुए मुझसे निगाहें ना बदल,
कल कहीं तुझे मुझसे कोई काम भी पढ़ सकता है।
दर्द तो तय है मेरे साथ ही जाएगा मगर,
तुम चले आओ तो आराम भी पढ़ सकता है।।
किस मुंह से इल्जाम लगाएं बारिश की बौछारों पर,
हमने खुद तस्वीर बनाई थी मिट्टी की दीवारों पर।।
खाकर ठोकर मोहब्बत की लौट आए मयखाने में,
मुझे देखकर शराब बोली बड़ी देर लगा दी आने में।।
किस्मत खराब है हममें खराबी थोड़ी है,
पी लूं उसे भुलाने के लिए वो नवाब थोड़ी है।।
यह ना पूछ कि मैं शराबी क्यों हुआ, यूं समझ ले
गमों के बोझ से श़ राब की बोतल सस्ती लगी।
पिला दो आज मयखाने की सारी बोतले हमें, अगर
तुम्हारी शराब अच्छी लगी तो मयखाना खरीद लूंगा।
Broken heart dard bhari shayari
खुद के साथ बुरे से बुरा होते देखा,
हमने अच्छे खासे लोगों को बेवफा होते देखा।
बांटकर अपने हिस्से की खुशियां भी गैरों में,
बैठकर आराम से खुद को तबाह होते देखा।।
जब लगा था तीर तब इतना दर्द ना हुआ ग़लिब,
दर्द का एहसास तब हुआ जब हमने,
कमान को देखा अपनों के हाथों में।।
मिजाजे इश्क तो 'होम्योपैथिक' है उनका,
हम दर्द बयां करते रहे वो मीठी गोलियां देते रहे।
जिनकी चैन से गुजरती हो रातें,
वह भला हमसे बात क्या करेंगे।
जिनको हजार चाहने वाले हों इस दुनिया में,
वह भला हमको याद क्या करेंगे।।
मैं तसल्ली से सुनता हूं उसके सारे झूठ,
वो फरेबी सही मगर यकीन कमाल का दिलाती है।
दिल की धड़कन आंखों का पानी बना के रक्खा था,
हमने तो उसको अपनी जिंदगानी बना के रक्खा था।
सुना है आजकल वो किसी औरों की ठोकरों में है,
जिस लड़की को हमने रानी बनाकर रक्खा था।।
मैं चाहता था जिंदगी तेरे साथ कट जाए,
तुम सामने रहो और तुझे देखते ही रात कट जाए।
एक तूं है जो गैरों को बाहों में भर लेती है,
मैं तो किसी को छू भी लूं तो मेरे हाथ कट जाए।।
अब किसी और से मिलती है तूं ठिकाने पर हमारे,
तूने लगाया है नमक जख्म पुराने पर हमारे।।
उसे कहना कि आजकल थोड़ा होशियार रहे,
तेरा नया आशिक चढ़ गया है नि_शाने पर हमारे।।
उदासियों से भरी हुई रात देखकर,
तुम तो छोड़ गयी था मुझे मेरे हालात देखकर।
घर की जिम्मेदारियों ने मुझे रोक लिया वरना,
मर जाता मैं उसी दिन तेरी बारात देखकर।।
हुश्न और खूबसूरती से भरे हुए बाजार मिलेंगे,
लेकिन तुमको जिंदगी में हम जैसे एक बार मिलेंगे।
आज सालों बाद मुझे सामने देखकर खूब रोया वो,
जो कभी कह रहा था जा तेरे जैसे हजार मिलेंगे।।
किया बादलों में सफर जिंदगी भर,
ज़मीं पर बनाया ना घर जिंदगी भर।
मोहब्बत रही जो चार दिन जिंदगी में,
चार दिन का रहा असर जिंदगी भर।।
भरोसा जिसपे होता है मुझे लोगों जमाने में।
वही आगे निकलता है हमेशा दिल दुखानें में।।
समझ में कुछ नहीं आता, यकि़ किस पर करूं।
मैं जिसको अपना कहूं, वही हमें रहता मिटाने में।
Sad Shayari in Hindi for lovers
गमों को अब मेरे ढोया करेगी।
न रातों में ठीक से सोया करेगी।।
अभी तो कर रही तूं अपने मन की।
अकेले में तू भी बहुत रोया करेगी।।
बहती हुई आंखों की रवानी में मरे हैं।
कुछ ख्वाब मेरे भरी जवानी में मरे हैं।।
कब्रों में नहीं, हमको किताबों में उतारो।
हम तो मोहब्बत की कहानी में मरे हैं।।
प्यार में सैड शायरी हिन्दी में
तू ही मेरे दिल के आस पास रहा।
तेरी मुहब्बत का मुझमें एहसास रहा।।
तूने खबर तक ना ली, कैसा हरजाई है।
तू लौट के आएगा, मुझे ऐसा विश्वास रहा।।
क्या मैं समझता था और क्या निकला।
वो मेरी सोंच से जुदा निकला।।
दिल जिसे देखता समझता रहा अब तक।
वो भी कमबख्त बेवफा निकला।।
आज के दौर में अब यार कहां मिलते हैं।
मिल भी जाएं तो वफादार कहां मिलते हैं।।
जान लुटाते हैं जो प्यार के खातिर।
किसी को ऐसे अब दिलदार कहॉ मिलते हैं।।
सितम तूने बहुत ढाए सितमगर।
स़रे महफिल तूने मेरा तोड़ा मुकद्दर।।
अब न है कोई साथी न रहबर।
प्यार में पागल भटक रहा हूं दरबदर।।
दर्द को भी तेरे हम दिल में छुपा लेते हैं।
तेरी नफरत को भी हम सीने से लगा लेते हैं।।
जब भी याद आती है मुझे तेरी।
हम तो तुझे अपने ख्यालों में बुला लेते हैं।।
तेरी नफरत के सागर में मेरे गम की रवानी है।
तेरे यादों की कस्ती में मेरे आंसुओं का पानी है।।
मुझे तेरी जुदाई हर एक लम्हा सताती है।
मेरे बर्बाद मुहब्बत की बस इतनी कहानी है।।
तुने जो दिल के अंधेरे में जलाया था कभी,
वो दीया आज भी सीने में जला रक्खा है।
देख आकर दहकते हुए जख्मों की बहार,
मैंने अब तक तेरे गुलशन को सजा रक्खा है।।
दर्द बयां करने वाली सैड शायरी
गमों से चूर होकर जा रहा हूं।
बहुत मजबूर होकर जा रहा हू।।
दिखाऊंगा नहीं सूरत तुझे मैं।
नजर से तेरे अब दूर होकर जा रहा हूं।।
न मन्नत से न चाहत से मिलेगा।
न हरगिज भी मुहब्बत से मिलेगा।।
तजुर्बा तो अब इतना हो गया है।
प्यार तो जब मिलेगा, किस्मत से मिलेगा।।
जब भी जुगनू तेरी यादों के चमक जाते हैं।
आंसूं आंखों से उदासी में छलक जाते हैं।।
जब भी आ जाता याद ऐ यार तेरा।
मेरी दुनिया मेरे दिन-रात महक जाते हैं ।।
जिसकी तलब मुझे थी, वो दौलत नहीं मिली।
हकदार था जिसका मैं वह सोहरत नहीं मिली।
चाहा था तुझे टूटकर, तू भी जुदा हुई।
केवल नफरत मुझे मिली है मुहब्बत नहीं मिली।।
प्यार हद से ज्यादा बढ़ाना छोड़ दो।
मेरे दिल में आना जाना छोड़ दो।।
रोज रोज ए सिकवे शिकायत किस लिए।
बेवजह बातें बनाना छोड़ दो।।
किसी ने इश्क का जलवा दिखा के छोड़ दिया।
किसी ने प्यार में पागल बनाके छोड़ दिया।।
सता रही है अब तो मुझे दर्द की सिद्दत।
किसी ने तीर नजर का चला के छोड़ दिया।।
रश्में उल्फत की हमेशा निभाया हमने।
दर्दे गम हंसकर जमाने से छुपाया हमने।
अब तो सामने आते ही नजरों को चुरा लेते हैं।
अपनी पलकों पर सदा जिनको बिठाया हमने।।
तोड़ा है किसने ऐ बेवफा सोच रहा हूं।
तेरी खता या मेरी खता सोच रहा हूं।।
मैने तो तेरे इश्क में खुद को मिटा दिया।
अच्छा किया या बुरा, यह सोच रहा हूं।।
बहुत दिनों से वह नजरे करम नहीं देखी।
हसीन देखे मगर अपने सनम नहीं देखी।।
कहीं मैं देख के फोटो न रो पड़ू फिर से।
इसलिए तो मैने अब तक कोई तस्वीर नहीं देखी।।
चाहत के गुलाबों को खिला क्यों नहीं देते।
नफरत की अदाओं को मिटा क्यों नहीं देते।
अगर सच में जुदाई से परेशान हो हरदम।
हाथों से मुझे जहर पिला क्यों नहीं देते ।।
दीप यादों के जलाओगे मेरे बाद भी तुम।
हाले दिल सबको सुनाओगे मेरे बाद भी तुम।।
दिल को बहलाना भी आसान नहीं है इतना।
मुझे पलकों पर फिर बिठाओगे, मेरे बाद भी तुम।।
जख्म जब सीने के भर जाएंगे,
आँसू जब मोती बनकर बिखर जाएंगे।
मत
पूछना किसने धोखा दिया,
वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएंगे।।
हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे,
वो भी पल पल हमें आजमाते रहे।
जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया,
हम मर गए और वो मुस्कुराते रहे।।
तुमसे मिलकर के यह तजुर्बा हुआ,
झूठे लोग भी क्या लाजवाब होते है..!!
प्रतीक्षा अगर सीमा से अधिक हो जाए तो,
मिलने का मोह भी धीरे धीरे समाप्त हो जाता है!
हमने तो एक ही शख्स पर चाहत खत्म कर दी,
अब मोहब्बत किसे कहते हैं मालूम नहीं।
मेरे मिज़ाज का इसमें कोई क़सूर नहीं,
तेरे सुलूक ने तो मेरा लहजा बदल दिया।
Heart touching sad shayari
हमें बुझा दे, पर हमारी 'अना' का कऽ-त्ल ना कर।
कि बे जरूरी ही सही, 'बेज़मीर' हम भी नहीं।।
धोखे भरे हैं दिल में पर चेहरे बहुत हसीन,
किस पर करें भरोसा किस पर करें यकीन।
मैंने परखा है अपनी बदकिस्मती को,
मैं जिसे अपना कहूं, वह फिर मेरा नहीं रहता।
गलती से भी कंधा न देना मेरे जनाजे को ऐ दोस्त,
कहीं जिंदा ना हो जाऊं तेरा सहारा देखकर।
जिंदा हूं मगर जिंदगी से दूर हूं,
आज क्यों इस कदर मैं मजबूर हूं।
बिना गलती की सजा मिल रही है मुझे,
पर किससे कह दूं कि मैं बेकसूर हूं।।
सब्र इतना रखो कि इश्क बेहूदा ना बने।
खुदा
महबूब
बन जाए पर महबूब खुदा ना बने।।
उतरा चांद हमारे आंगन में सितारों को गवारा न था,
हम तो बगावत कर लेते पर चांद हमारा ना था।
कैसे ना मर मिटूं यारों उस पर मैं,
पगली रूठ कर भी कहती है संभल कर जाना।
इतनी जल्दी छोड़ कर चल दिए 'साहब'... ,
हम तो बस उजड़े हैं, मरे तो नहीं हैं।
ना जी भर के देखा ना ही कुछ बात की,
पर ना जाने क्यूं बड़ी आरजू थी मुलाकात की।
गम तो यह है कि मेरे खरेपन का...
खोटे सिक्कों ने इम्तिहान लिया।
तू भी खामखा बढ़ रही है ए धूप,
इस शहर में पिघलने वाले दिल ही नहीं।
जिन पर लुटा चुका था मैं दुनिया की दौलतें
उन वारिसों ने तो कफन भी नाप कर दिया।
लहरों से लड़ता हूं मैं दरिया में उतरकर,
किनारों पर खड़ा होकर में साजिशें नहीं करता।
आंसू भरी मुस्कान से जिद से मिलेगा,
सोचा था गले लगकर वो दिल से मिलेगा।
खुद देखते नहीं तो यकीन भी नहीं होता,
कि मेरा दोस्त जा मेरे का-ऽतिल से मिलेगा।।
मग़रूर दिन से करें या खामोश रात से करें,
उम्मीद करें किससे और किस बात से करें।
हमारी अच्छाई, सादगी और हुनर पचा गए,
मीठी जड़ थे हम, लोग खोदकर खा गए।
उसने मेरे लिए कोई दुआ की ही नहीं,
उसके दिल में तो मेरे लिए जगह थी ही नहीं।
आज दिन उल्टी दिशा में ढल गया कैसे,
हमें बुरा कहकर खुद बदल गया कैसे।
पलकों के दामन में दर्द को पिरोते हुए,
तुमने देखा है क्या हमें कभी रोते हुए।
छोटी सी उम्र में जिंदगी का हर मंजर देखा है,
क़रीबी लोगों के बगल में भी छुपा खंजर देखा है।
मेरे बेचैन दिल को आराम नहीं आता,
जब तक लबों पे तेरा नाम नहीं आता।
ना दिन में रहे और ना रात में रहे,
साथ अच्छे भी ना बुरे हालात में रहे।
सही थे वो मुझे तन्हा छोड़ कर भी,
बुरे हम ही मगर हर बात में रहे...।
ना मन को समझ पाए, ना मौन समझ पाए,
अब दर्द दूसरों का यहां कौन समझ पाए।
तुम तो हो अंबर वाले, मैं जमी पर हूं;
तुम कभी आओ तो मैं यहीं पर हूं।
मोहब्बत में धोखे की सैड शायरी
कुछ तड़पता हूं कुछ तड़पा दिया जाता हूं मैं,
जा मोहब्बत जुर्म है जिसकी सजा पाता हूं मैं।
एक धुन ऐसी भी होती है किसी की याद में,
जागता हूं दिल से और आंखों से सो जाता हूं मैं।।
कोई हंसके तो कोई हंसा के टूट गया,
कोई था जो आंसू बहाके टूट गया,
पर मैं तो टूटा तेरी चाहत में, कमबख्त्
तू तो मुझको आजमाकर टूट गया।।
अब तेरी शिकायत करें भी तो किससे करें,
हर शख्स से कहा था तुझसे अच्छा कोई नहीं।
सोच समझकर ऐतबार किया करें,
यहां हर कोई सच्चा नहीं होता।
बावन पत्ते होते हैं ताश में,
मगर उनमें से हर कोई इक्का नहीं होता।
नशा मोहब्बत का हो या शराब का,
होश दोनों में खो ही जाते हैं। बस ..
फर्क इतना है कि शराब सुला जाती है,
तो वहीं मोहब्बत रुला जाती है..!
घर जाकर जब बच्चों को खाना खिलाया होगा,
बच्चे क्या जानें कि बाप कैसे कमाया होगा।।
कौन कश्ती में उतरता है अभी देखना है,
किसका शिराजा बिखरता है अभी देखना है।
तुम समझते हो कि तुम जीत गए हो, लेकिन
वक्त क्या फैसला लेता है अभी देखना है।
सियासत किस हुनरमंदी से सच्चाई छुपाती है,
कि जैसे सिसकियों का दर्द शहनाई छुपाती है।
जो इसके तह में जाता है वो फिर वापस नहीं आता,
नदी हर तैरने वाले से गहराई छुपाती है।।
मोबाइल के दौर के आशिक को क्या पता,
कि कैसे रखते थे खत में कलेजा निकालके।
मौजूद हैं मेरे दिल पर तेरे कदमों के निशान,
तेरे बाद किसी को हमने गुजरने नहीं दिया।
बहुत अमीर है उसका नया यार,
मेरी मोहब्बत ही खरीद ली उसने…!
चंद सांसें बची हैं बस आखिरी दीदार दे दो।
झूठा ही सही मगर एक बार प्यार दे दो।।
अब क्यों बात करोगे तुम मुझसे,
शायद हमसे बेहतर कोई मिल गया होगा!
मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं,
आज मौसम की तरह लोग बदल जाते हैं।
उम्र भर जिनकी वफ़ाओं पर भरोसा किजै,
वक्त पड़ने पर वही लोग बदल जाते हैं।।
हम तो उम्र भर के मुसाफिर हैं। अब मत पूछ..
तेरी तलाश में कितने सफर किए हैं हमने।
कभी महसूस हो तुझे मेरी कमी,
तो इसकी वजह भी खुद से तुम पूछ लेना!
वो पल कभी भूलाए नहीं जाते,
जिसमें वक्त कम और लम्हें ज्यादा हो।
दिल की बस्ती बड़ी अजीब बस्ती है,
यह रोज उजड़ती है और रोज बसती है।
और दिल की दौलत को खरीदने वालों,
जितना तुम सोचते हो, यह उससे भी सस्ती है।
टूट कर बिखर जाते हैं वो लोग दीवारों की तरह,
जो खुद से ज्यादा किसी और से मुहब्बत करते हैं।
मौत का भी इलाज हो शायद,
गम भरी जिंदगी का इलाज नहीं।
कोई तेरे साथ नहीं तो भी ग़म ना कर,
दुनिया में ख़ुद से बढ़कर कोई हमसफर नहीं।
बदल दिया है मुझे मेरे चाहने वालों ने ही,
वर्ना मुझ जैसे शख्स में इतनी खामोशी कहां थी!
मिले ना फूल तो कांटों से जख्म खाना है,
उसी गली में मुझे बार-बार जाना है।
मैं अपने खून का इल्जाम दूं तो किसको दूं,
लिहाज ये है कि कातिल से दोस्ताना है।।
मुझे मंजू़र थे वक़्त के सब सितम मगर,
तुमसे मिलकर बिछड़ जाना ये सजा ना दो।
मैं उसे हर गलत चीज से दूर रखना चाहा,
पर क्या यार उसने मुझे ही गलत समझ लिया!
सोचा ही नहीं, जिंदगी में ऐसे भी फ़साने होंगे।
रोना भी जरुरी होगा व आंसू भी छुपाने होंगे।।
और अकेले रहा करो मेरे दोस्त, यहां
लोग मोहब्बत के बहाने हंसी छीन लेते हैं!
ना हाथ थाम सके ना पकड़ सके दामन,
बेहद ही करीब से गुज़र कर बिछड़ गया कोई।
चलो मान लिया मुझे इश्क करना नहीं आता,
लेकिन जरा मुझे ये भी तो बताओ, कि..
तुम्हें दिल तोड़ना किसने सिखाया।
गुजर गया आज का दिन पहले की तरह
न उनको फुर्सत थी और न हमें ख्याल आया।
तुम पूछो मैं बताऊं ऐसे तो हालात नहीं,
एक जरा सा दिल टुटा है और कोई बात नहीं।
कभी ना कभी ये एहसास होगा तुम्हे,
कि कोई था जो बिना मतलब के चाहता था तुम्हें!
मोहब्बत की मिसाल में बस इतना ही कहूंगा,
बेमिसाल सज़ा है किसी बेगुनाह के लिए।
दिल का ज़ख्म दिखाया नही जाता,
गम का किस्सा बार बार सुनाया नहीं जाता।
तुम जी भर के देख लेना इस चेहरे को,
ये कफन बार बार हटाया नहीं जाता!
कभी ग़र मौका मिले तो,
हम किस्मत से शिकायत जरूर करेंगे,
क्यों छोड़ जाते है वो लोग,
जिन्हें हम टूट कर चाह रहे होते हैं।।
जीवन से निराशा की सैड शायरी
हम भी फूलों की तरह कितने बेबस हैं,
कभी किस्मत से तो कभी लोग तोड़ जाते हैं।
ना पूछो अब वो किस्सा उल्फ़त..
वो तो एक लम्बी सी कहानी है।
बस इतना जानो कि हमने बस बात मानी है।
लड़की लड़के को इसलिए नहीं समझ पाती,
उसे गुरुर होता है उसे चाहने वाले बहुत हैं!
होठों की हँसी न समझ हक़ीकत ऐ जिंदगी,
दिल में उतर के देख कितने टूटे हुए हैं हम।
वही छीन लेते हैं मुस्कान चेहरे की,
जिन्हें बता दिए जाए की तुम जरूरी हो!
मैं इन शीशगरों से पूछता हूँ,
टुटा दिल भी जोड़ा है क्या किसी ने।
बेलिबास आये थे इस दुनिया में ग़ालिब,
सिर्फ एक क़फ़न के लिए इतना सफ़र कर गया!
सालों तक सोचा, हो क्या रहा था, बस
दिल धोके में था और धोकेबाज दिल में था।
मत पूछ मेरे जागने की वजह ए चांद,
कोई तेरा ही हमशक्ल है जो सोने नहीं देता!
टूटा हुआ दिल भी धड़कता है,
कभी किसी की याद में तो कभी फरियाद में।
मेरे ठोकरें खाने में लोगों को दिक्कत है,
कहते है ये शख्स तजुर्बे से आगे निकल जायेगा!
दिल बेचैन हो जाता है सवाल करके,
क्या गलत किया मैंने तुमसे प्यार करके।
एक मशला है उसे भुलाने में, कि
उसके बदले में किसको याद करूं…!
जो दिल में आये वो करो,
बस किसी से दिखावटी प्यार मत करना।
बदला बदला सा है मिजाज क्या बात हो गई,
शिकायत हमसे है या किसी और से मुलाकात हो गई!
तुम दूर हो गये हमसे मजबूरी में,
हम तो टूट गए बस तेरी दूरी
में।
अब तो ख्वाबों में आना छोड़ दो,
अब कहां हम साथ रहते हैं,
तुम्हारे
साथ भी बर्बाद थे,
तुम्हारे बाद भी बर्बाद रहते हैं…!
यहाँ कोई टुटा हुआ है तो कोई रूठा हुआ है,
यह इश्क़ न जाने
कितनों को तो लूटा हुआ है।
अदा कातिल निगा कातिल जुबां कातिल बयां कातिल,
बता कातिल कहां जाऊं
जहां जाऊं वहां कातिल!
सोचा उनसे इश्क करके बहुत खुश रहेगा,
पर क्या पता था इश्क़ के
बाद टूट जायेगा ये दिल।
इश्क ने देखो कैसी तबाही मचा रक्खी है।
आधी दुनियां पागल तो आधी शायर
बना रक्खी है!
काश की खुदा ने दिल शीशे के बनाये होते,
तोड़ने वाले के हाथों
में ज़ख्म तो आये होते।
बिछड़ा वो इस कदर कि रुत बदल गई,
एक शख्स सारे शहर को वीरान कर
गया!
दिल टुटा है तो बस अपनी गलती से,
उसने कब कहा था कि मुझसे
प्यार करो।
किसी को तो कभी रास आयेंगे हम भी,
कोई तो होगा जिसे सादगी पसंद
आयेगी…!
बर्बाद होने के तो और भी रास्ते थे,
ना जाने मुझे मोहब्बत का
ही ख्याल क्यों आया?
हम दोनों ही धोखा खा गए,
मैंने तुम्हें औरों से अलग
समझा..
और तुमने मुझे औरों जैसा समझ लिया।
आज उसने रुलाया है मुझे,
जिसके साथ हमने मुस्कराना चाहा।
टूटे हुवे दिल से मुस्कुराना इश्क़ है, और
उसकी ख़ुशी के लिए उसे भूल
जाना इश्क़ है।
जिनकी मोहब्बत सच होती हैं न,
उनके नसीब में दर्द ही लिखा होता
हैं।
प्यार तो बेरोजगारी में होता है,
नौकरिया देखकर तो शादियाँ
होती है।
अजीब जुर्म करती हैं तेरी यादें,
सोचूं तो बिखर जाऊं ना सोचूं तो
किधर जाऊं!
इस टूटे दिल को ठोकर मार दूर किया तुमने,
इसीलिए तेरी जिंदगी से खुद
को दूर किया हमने..!!
ना जवाब दे ना अब सवाल कर,
मुझे छोड़ दे मेरे इस हाल पर।
बीत गया जो तेरे संग वो पल बहुत हसीन था,
फासले बहुत थे मेरी जिंदगी
में मगर..
कैफियत पूछोगे कभी, ये हमें यकीन था!
हमारे ऐब तो उजागर हैं साहब,
फिक्र वो करें जिनके गुनाह परदे में
हैंं!
टूटे शीशे और टूटे लोगों से बचकर रहना,
लग जाए ग़र चोट तो फिर कुछ ना
कहना!
बहुत जुदा है औरों से मेरे दर्द की कहानी,
जख्म का निशां नहीं और
दर्द का इलाज नहीं!
कांच जैसा दिल था मेरा कहीं टूटा पड़ा होगा,
गम व दर्द के बादलों में
कहीं छुपा पड़ा होगा!
बहुत मुश्किल से करता हूं तेरी यादों का कारोबार,
मुनाफा कम तो है पर
गुजारा हो ही जाता है!
दिल टूटा पर उससे आवाज ही ना हुई,
चोट तो बहुत लगी पर लहू की
बरसात ना हुई!
ऐसे माहौल में दवा क्या है दुआ क्या है,
जहां कातिल ही पूछे कि
तुम्हें हुआ क्या है!
तुमसे इश्क करके गुनाह किया हमने,
तुमने दिल तोड़ कर धोखा दिया
हमें!
उठाकर फूल की पंखुडी नजाकत से मसल डाली,
इशारे से कहा कि हम ऐसा ही
हाल करते हैं!
क्या मिलता है तुम्हें टूटे दिलों को जोड़कर
बिखर जाते है वो जब लोग
जाते है छोड़कर!
कोशिश तो बहुत करता हूं खुश रहने की पर,
नसीब में ही खुशियां ना लिख
तो क्या करूं!
छोटा बड़ा ही सही मगर एक वादा टूटा है।
तुम्हारा कम पर मेरा हिस्सा
ज्यादा टूटा है..!
चूमकर मेरे कफन को उसने क्या खूब कहा,
नया कपड़ा क्या पहन लिया अब
बात भी नहीं करते!
किसी के दिल में साथ रहने का इरादा ही झूठा है।
इसीलिए मैं तुझसे तू
मुझसे आज तक रूठा है!
लगाके इश्क की बाजी सुना है रूठ बैठे हो,
मोहब्बत मार डालेगी अभी तो
तुम फूल जैसे हो!
यहां कोई टूटा हुआ है कोई रूठा हुआ है,
यह इश्क न जाने कितनों को
लूटा हुआ है!
मुझे तो इसलिए बनाया उस भगवान ने,
क्योंकि वो देखना चाहते
थे;
इंसान किस हद तक दर्द सह सकता है!
उसकी मोहब्बत में सब कुछ खोकर आया हूं,
अपने सारे गम और खुशी वहीं
छोड़ आया हूं!
किस्मत हमारी कुछ ऐसी थी कि
चैन से जीने की हिम्मत ना हुई,
जिसको
चाहा वो तो मिला नहीं,
जो मिला उससे मोहब्बत ही ना हुई!
बिखरे हुए सपने और टूटा अरमान देखा,
जब मैंने अपने ही अंदर झांककर
देखा !
मैं गुनहेगर भी हूं तो बस खुद का हूं,
मैनें अपने सिवा किसी को
बर्बाद नही किया…!
भर गए जख्म मेरे अभी उसके निशा बाकी हैं,
तेरी मुहब्बत के अभी कितने
अरमान बाकी हैं!
घड़ी की टिक टिक को यूं मामूली ना समझो,
ज़िंदगी के दरख़्त पर
कुल्हाड़ी के वार हैं…!
टूटा जब यह दिल तो आईना हुआ चकनाचूर,
एहसास ख्वाब और अरमान सब हुआ
चूर-चूर!
राह देखेंगे तेरी ही चाहे ज़माने लग जाएं,
या तू आ जाए या हम ही
ठिकाने लग जाएं!
हम तो बिखरे हैं चूर हुआ है सारा मंजर,
एक नदी की तलाश में प्यासा है
समंदर.!
बस चार दिन आंखो में नमी होगी,
मैं मर भी जाऊं तो क्या खाक कमी
होगी!
बड़ी मदहोश थी महफिल की वह भीड़,
कोई टूटा हुआ था, कोई बिखरा
हुआ था!
खाकर ठोकर ज़माने की,
फिर लौट आए हम मैखाने में,
मुझे देख कर
मेरे गम बोले,
बड़ी देर लगा दी तूने आने में…!
जान बनकर जब से जिंदगी में आए हो तुम,
जान जान कह कर सीधे दिल पर वार
किये!
तुम पर भी यकीन है और मौत पर भी एतबार है,
देखते है पहले हमें कौन
मिलता है,
हमें तो अब दोनो का इंतजार है…!
उन्हें हमसे दूर जाने का बहाना मिल गया।
दिल तोड़कर रहने का जो
ठिकाना मिल गया!
एक अजीब सी जंग है मुझमें,
कोई मुझसे ही तंग है मुझमें…!
दिल से रोए मगर होंठो से मुस्कुरा
बैठे,
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे,
वो हमे एक लम्हा ना दे
पाए अपने प्यार का,
और हम उनके लिए जिंदगी लुटा बैठे।
दूसरों को खुश रखने की कोशिश में,
अक्सर कम खुद को उदास कर लेते
है।
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता,
बरबाद हो गए हम उसके प्यार में,
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता।
असफलता और निराशा की शायरी
नसीब में जो लिखा है उसे मिटाना नहीं आता,
किस्मत में जो है वो छुपाना नहीं आता,
चाहे सब कुछ कर लूँ हासिल,
मगर बिना मेहनत कुछ भी पाना नहीं आता।
अमीरों शहर से ऊंचा वक़ार रखता हूं,
गरीब होकर के भी दिल मालदार रखता हूं।
मिले जो वक्त तो कर्जें वफ़ा चुका देना,
जा तुझपे मैं अपनी मोहब्बत उधार ऱखता हूं।।
घाव गहरा बहुत था पर दिखता नहीं था,
दिल भी बहुत दुखता पर कोई समझता नहीं था।
बाद में सब कहते तो हैं कि हमसे कह सकते थे,
पर जब कहना चाहा तो कोई सुनता नहीं था।।
खुदा जाने क्यूं अब वो उदास रहता है।
नजर से दूर मगर दिल के पास रहता है।।
मुझसे तो जुदा हुआ है बड़े शौक से लेकिन;
शायद बिछड़के उसे अब अहसास रहता है।।
नजर से नजर मिलाकर क्यूं बात नहीं करते।
क्या हो गया है मुझसे मुलाकात नहीं करते।।
चाहत तुम्हारे दिल में होती अगर जो मेरी।
ऐसे तो कभी तुम मेरे हालात नहीं करते।।