Two Line Shayari in Hindi
Heart touching 2 Line Shayari
नये सफ़र में एकांत को चुना मैंने। क्योंकि
बिना गलती के ही बहुत कुछ सुना है मैंने।
मिलेगी मंजिल तो बड़ी सिद्दत से बताएंगे,
अभी सफ़र में हैं, सफ़र का हाल मत पूछो।
तुम्हारा बदलना मुबारक हो तुम्हें,
हम बदले तो मोहब्बत बदनाम हो जाएगी।
जितने दर्द में तुम बिलख जाते हो,
उससे ज्यादा लेकर हम हंसते फिरते हैं।
वीर आराम नहीं अभ्यास करते हैं,
एक नहीं सौ बार प्रयास करते हैं।
रंग, खूश्बू और मौसम का बहाना हो गया,
अपनी ही तस्वीर में चेहरा पुराना हो गया।
मैंने दूर नहीं किया किसी को,
जैसे जैसे दिल भरता गया लोग छोड़ते गए।
इश्क ने निकम्मा कर दिया 'ग़ालिब'
अब हम वैसे नहीं रहे जैसे हुआ करते थे।
हवाओं की भी अलग सियासत है साहब,
कहीं राख भड़का देती तो कहीं चिराग बुझा देती।
डर लगता है अब किसी से बात करने में,
कहीं फिर से किसी की आदत ना लग जाए।
हुस्न का क्या काम सच्ची मोहब्बत में।
आंख मजनू हो तो लैला हसीन लगती है।।
वफादारी की बातें कर कलेजा मत जला मेरा,
ना जाने क्या क्या बोलूंगा अगर मुंह खुल गया मेरा।
हम मोहब्बत में बगावत नहीं करते,
वरना उसकी सहेली भी दिवानी थी।
ये अलग बात है कि सुनी तेरी ही गयी,
वरना खुदा तो मेरा भी वही था।
ट्रेन की खिड़कियां अब जरूरी नहीं रही,
बस मोबाइल चार्ज हो काम चल जाता है।।
अफसोस होता है मुझे खुद पर, मैंने हमेशा उन लोगों,
को अहमियत दी जिनके लिए मैं कुछ नहीं था।
इस वक्त ने तो हमें बहुत कुछ सिखा दिया,
वक़्त पर इंसान बदलता कैसे है ये
भी बता दिया।।
ख़त्म हो गई कहानी, बस चंद अल्फ़ाज़ बाकी हैं।
किसी दिव्य प्रेम की एक
मुकम्मल सी याद बाकी हैं।।
कभी लबों पे हंसी है, तो कभी गमों सा दुःख।
पर तू ना हारना, चाहे कितने
भी आएं सुख - दुख।।
इतना भी ना सताओ कि वो टूट के चूर हो जाए।
कुछ ऐसा करके दिखाओ कि
रिश्ता अटूट हो जाए।।
वो जब कहते थे कभी साथ ना छोड़ेंगे हम।
नया यार मिलते ही वादों से मुकर
गए तुम।।
ना बदली वक्त की गर्दीश, ना जमाना बदला।
सूख गये पेड़, तो पंक्षी
ने भी ठिकाना बदला।।
हवा के सींग न पकड़ो खदेड़ देती है।
ज़मीं से पेड़ों तक के टाँके
उधेड़ देती है।।
मैं चुप कराता हूँ हर उमड़ती बारिश को।
मगर
ये रोज़ नई बात छेड़ देती है।।
ग़र आपका रवैया बदला;
तो हमारे रास्ते बदल जाएंगे।
तुम पढ़ नहीं पाओगे उदासियां मेरी;
मुस्कुराने के हुनर में इतने
माहिर हैं ..!!
कमियां हैं तो रहने दो;
ख़ुद को खुदा नहीं बनाना हमें।
बस एक
इंसान हूं, तो इंसान ही रहूँ;
किसी को सर पे नहीं उठाना हमें।।
बहुत मुश्किल नहीं होता किसी का दर्द समझना;
ग़र अपने होते तो समझ
जाते।
किसी को तो इतना हक हमने दिया ही नहीं,
की वो आकर हमारी जिंदगी बर्बाद कर
दे।
हमारी तकदीर को हम पर इतना रहम नहीं;
हमारी भी तकदीर बदले, हमको इतना वहम
नहीं।
हमारी सादगी ने तो बहुत बर्बाद किया, लूट लिए वो भी जिनके लिए हमने एक दिन-रात किया।
लोग मेरे किरदार में कितनी कमी निकालते रहे।
धूल खुद के चेहरे पर थी, आईना
साफ करते रहे।।
Heart touching shayari 2 line
जिंदगी भर बस एक ही भूल करता रहा।
धूल चेहरे पर थी आईना साफ करता रहा।।
खुदगर्ज बना देती है तलब की शिद्दत भी।
प्यासे को कोई दूसरा प्यासा
नहीं लगता।।
मलाल है मगर इतना मलाल थोड़ी है।
हमेशा जीत ही जाना कमाल थोड़ी है।।
मैं अकेले ही लड़ जाता सारी कायनात से।
उसने पुकारा ही नहीं मुझे जज्बात से।।
हार जाते हैं लोग अपनी ही अना से अक्सर..
और कहते हैं, हम हार गए हालात से।
तेरी कोशिश थी 'चिरागों को बुझा दे मेरे'..
मेरी तो हसरत थी तेरे घर में उजाला जाए।
उल्फत की बात है जरा सलीके से कीजिए।
सड़कों पे हाथ पकड़ कर मोहब्बत नहीं होती।।
जिद जीत की हो तो हालात मायने नहीं रखते।
वो मेरा नहीं हो सकता तो क्या हुआ।
क्या इतनी सी ही बात के लिए मैं उसे चाहना छोड़ दूं?
क्या कह दूं जिंदगी के बारे में;
बस एक तमाशा था जो उम्रभर देखता रहा।
शोहरत नहीं, दौलत नहीं, ना ही वाह वाह चाहिए।
कहां हो, कैसे हो? बस दो लफ्जों की परवाह चाहिए।।
दिमाग़ पर जोर डालकर गिने लिए गलतियां मेरी।
दिल पर हाथ रखकर पूछो,
कसूर किसका था?
Heart touching 2 line shayari
इतने हिस्से में बंट गया, मेरे हिस्से कुछ बचा नहीं।
ज़िन्दगी से बड़ी सजा नहीं जुर्म है क्या पता नहीं।।
मुझे नहीं आता उड़ती पतंगों सी चालाकियां।
गले मिलकर गले काटूं, ऐसा मांझा नहीं हूं मैं।।
शायद कोई तराश कर मेरी किस्मत संवार दे।
यही सोचकर मैं उम्र भर पत्थर बना रहा।।
हवा से कह दो कि खुद को आजमा कर दिखाए।
बहुत चराग बुझाती है, कोई एक जला कर दिखाए।।
अंधेरे चारों तरफ सांय-सांय करने लगे।
चिराग हाथ उठाकर दुआएं करने लगे।।
सलिका हमने सिखाया था जिनको चलने का।
वही लोग आज हमें दांए बांए करने लगे।।
उम्र ने तलाशी ली तो कुछ लम्हें बरामद हुए।
कुछ टूटे हुए तो कुछ गम के थे।।
लेकिन बस वही सही सलामत निकले;
जो मेरे बचपन के थे।
एक परिंदे का दर्द भरा अफसाना था।
टूटा हुआ था पंख, फिर भी उड़ते हुए जाना था।।
अरे तूफान तो झेल गया मगर हुआ यह अफसोस।
डाली ही टूट गयी जिसपर उसका आशियाना था।।
हवा के सींग न पकड़ो खदेड़ देती है।
ज़मीं से पेड़ों तक के टाँके उधेड़ देती है।।
मैं चुप कराता हूँ हर उमड़ती बारिश को।
मगर ये रोज़ नई बात छेड़ देती है।।
ग़र आपका रवैया बदला ,
हमारे रास्ते बदल जाएंगे।
तुम पढ़ नहीं पाओगे उदासियां मेरी ,
मुस्कुराने के हुनर में हम इतने माहिर हैं ..!!
कमियां हैं तो रहने दो
ख़ुद को खुदा नहीं बनाना हमें.
झूठ से भरे सब अखबार मिल गए।
मेरे मर्ज को हकीम बेकार मिल गए।।
मैं निकला था थोड़ी सी मदद मांगने।
मदद न मिली मशवरे हजार मिल गए।।
जिसे नाचना नहीं आता उसे भी नचा देती है।
यह जिंदगी है साहब हंसते हुए को भी रूला देती है।।
लोग इंतजार करते रह गए कि हमें टूटा हुआ देखें।
और हम थे कि सहते-सहते पत्थर के हो गए।।
बिखेरकर खुद को हवा में उड़ा देता।
एक सूखा हुआ फूल हवा को क्या देता।।
अपनों के दिए घाव चुभते हैं कितने;
दर्द अगर बोलता तो तुम्हें बता देता।।
उसी के सामने आईना धुलता गया उसका।
किरदार हर हालत में घुलता गया उसका।।
हम एक बार लड़खड़ाये क्या कि..
तमाम परतें चढ़ीं थीं चेहरा खुलता गया उसका।।
यही सोच कर हर तपिश में जलता आया हूँ..
धूप कितनी भी तेज हो समन्दर नहीं सुखाता!!
सारी की सारी मोहब्बत मैंने उस खत में भर दी।
फिर भी मगर मेरा टूटा हुआ दिल जुड़ ना पाया।।
इतना दर्द लिखा मैंने उस कागज के टुकड़े पर।
कबूतर रो दिया लेकर उड़ ना पाया।।
कि तुम्हें हम भी सताने पे ऊतर आएं तो क्या होगा।
तुम्हारा दिल दुखाने पर ऊतर आएं तो क्या होगा।।
हमें बदनाम करते फिर रहे हो तुम अपनी गलियों में।
हम भी सच बताने पर ऊतर आएं तो क्या होगा।।
हर लम्हे यूँ मुझे तंग ना किया कर।
सफर मेरा बैरंग ना कर किया कर।।
कभी तो जिने दे सुकून का एक पल ऐ जिन्दगी।
हर पल मेरे साथ जंग ना किया कर।।
घड़ी कितनी भी मुश्किल हो मैं सँवर जाऊंगी।
वक़्त के हर तूफ़ां से बच के निकल आउंगी।।
तुम पूछते रहना बस ख़ैरियत मेरी।
मैं दर्द के हर दरिया से उबर आऊंगी।।
Emotional 2 Line Shayari
जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा।
किसी चराग़ का अपना मकाँ कहां होता।।
मैं उसको भूल गया ये कौन मानेगा।
किसी चराग़ के बस में धुआँ कहां होता।।
वो रात ही नहीं बनी जो मुझको सुला सके,
वो याद ही नहीं बनी जो मुझको रुला सके।
वज्र के समान बन चुका है अब तो दिल भी मेरा,
वो आग ही नहीं बनी जो मेरे दिल को जला सके।।
दुनिया जहां जाना चाहती है,
मैं वहाँ से होकर आया हूं।
मोहब्बत ना करना यारों,
मैं वहीं से तबाह होकर आया हूं..!!
हैसियत कम पर अरमान बहुत हैं।
जिसे देखो परेशान बहुत है।।
सुना था नेकी करोगे तो दुनिया जानेगी।
पर आजकल लुटेरों की भी पहचान बहुत है!!
आया था इस नगर में जब रात हो रही थी।
आँसू टपक रहे थे बरसात हो रही थी।।
बरसों पुराना रिश्ता एक दम बिखर रहा था।
तकलीफ़ उम्र भर की एक साथ हो रही थी।।
मेरे सब्र की आज़माइश ले रहे अभी तक।
जो खींच दूँ ज़रा सी कमान तो मर जायें।।
जो लोग उठाते हैं मुझ पर अब उंगलियाँ।
वो झाँक लें अपने गिरेबान में तो मर जायें।।
कभी आह लब पे मचल गई।
कभी अश्क़ आँख से ढल गये।।
वो तुम्हारे ग़म के चराग़ हैं।
कभी बुझ गये कभी जल गये।।
जो फ़ना हुए ग़म-ए-इश्क़ में उन्हें।
जो न अपनी आग में जल सके।
वो पराई आग में जल गये।।
थोड़ी और बेरूखी अपना लीजिएगा।
मेरे हाल पे खूब जश्न मना लीजिएगा।।
भर देगा वक्त एक दिन तो ज़ख़्म मेरे।
आप ख़ुद को वक्त की मार से बचा लीजिएगा।।