Desh Bhakti Shayari in Hindi | देश भक्ति शायरी 2024

Best Desh Bhakti Shayari in Hindi

देशभक्ति शायरी वह भावनात्मक लहर है जो हमारे दिलों में अपने देश के प्रति प्रेम और गर्व को प्रकट करती है। यह शायरी न केवल स्वतंत्रता संग्राम की गाथाएँ बयाँ करती है, बल्कि देश की संस्कृति, विविधता और अस्मिता के प्रति सम्मान और श्रद्धा को भी उजागर करती है। 

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शायरी की इस विधा में शब्दों के माध्यम से हम अपनी मातृभूमि के प्रति अपने अटूट प्रेम, निष्ठा और बलिदान की भावना को व्यक्त कर सकते हैं। चाहे वह राष्ट्रीय पर्व हो या कोई विशेष अवसर, देशभक्ति शायरी हर समय हमें अपने देश की महानता की याद दिलाती है और हमें एकजुटता की ओर प्रेरित करती है। इस लेख में, हम देशभक्ति शायरी की सुंदरता और कुछ शायरी प्रस्तुत करेंगे।

बेहतरीन देश भक्ति शायरी 2024

जो अब तक ना खौला वो खून नहीं वो पानी हैं
जो देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं !

desh bhakti shayari

किसी भी बात पर होती शिकायत हो तो हो जाए।
जो ठाना है करेंगे हम हिमाकत हो तो हो जाए।।
न गद्दारी ना गद्दार अब मंजूर है हमको।
सलामत देश हो मेरा बगावत हो तो हो जाए।।

आन देश की ,शान देश की ,देश के हम संतान हैं।
तीन रंगों से रंगा तिरंगा, अपनी यही पहचान है !

desh bhakti shayari

गूँज रहा है दुनिया में भारत का नगारा,
चमक रहा आसमान में हमारे देश का सितारा।
आज़ादी के दिन आओ मिलके करें आगाज,
बुलंदी पर लहराता रहे यह तिरंगा हमारा !

अनेकता में एकता ही इस देश की शान है,
इसीलिए  तो मेरा भारत महान है !

आज सलाम है उन वीरों को,
जिनके कारण ये दिन आता है।
वो माँ भी खुशनसीब होती है,
बलिदान जिसके बच्चों का देश के काम आता है !

desh bhakti shayari

देशभक्तों से ही देश की शान है,
देशभक्तों से ही देश का मान है।
हम उस देश के फूल हैं यारों,
जिस देश का नाम हिंदुस्तान है !

मर मिटेंगे हम अपने वतन के लिए,
जान कुर्बान है प्यारे चमन के लिए।
हमसे हमारी हसरत ना पूछा करो,
बाँध रखा है सर पर तिरंगा कफ़न के लिए !

चीर के बहा दूं लहू दुश्मन के सीने का,
यही तो मजा है फौजी होकर जीने का !

बस ये बात हवाओं को बताये रखना,
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना।
लहू देकर जिसकी हिफाज़त की शहीदों ने,
उस तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना !

ये जोश कभी कम नहीं होगा,
यह वीरों के बलिदानों से आया है।
कितनों वीरों ने लहू बहाया है
तब जाकर तिरंगा पाया है !

अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं,
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं !

तिरंगा है आन हमारी तिरंगा ही है शान हमारी,
तिरंगा रहे सदा ऊँचा, इसीसे है धरती महान हमारी !

वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे हैं,
मरेंगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे हैं !

बलिदानों की ज्वाला जलाए रखना,
लहराता तिरंगा यूं ही उठाये रखना।
जान जाए तो जाये कोई गम नहीं,
देश पर कुर्बानियों का मातम ना कर,
मौत के बाद भी खुद को मुस्कराए रखना !

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न पूछो ज़माने से क्या हमारी कहानी है,
हमारी पहचान सिर्फ ये है कि हम हिन्दुस्तानी हैं !

कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की मान का है।
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है !

मुझे न तन चाहिए, न धन चाहिए,
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए।
जब तक जिंदा रहूँ, इस मातृ-भूमि के लिए,
और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये !

सरहद तुम्हें पुकारे तुम्हें आना ही होगा,
कर्ज अपनी मिट्टी का चुकाना ही होगा।
दे करके कुर्बानी अपने जिस्मो-जान की,
तुम्हें मिटना भी होगा मिटाना भी होगा !

Top Desh Bhakti Shayari in Hindi

लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा !

सलाम है तिरंगे को जिसमें मेरे देश की शान है,
ऊंचा रहेगा तिरंगा जब तक मेरे लहू में जान है !

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जब आँख खुले तो धरती हिंदुस्तान की हो,
जब आँख बंद हो तो धरती हिंदुस्तान की हो।
हम मर भी जाए तो कोई गम नहीं लेकिन,
मरते वक्त मिट्टी हिंदुस्तान की हो !

खूब बहती है अमन की गंगा बहने दो,
मत फैलाओ देश में दंगा, रहने दो।
लाल हरे रंग में ना बांटों हमको,
मेरे छत पर बस एक तिरंगा रहने दो !

चाहे जान की बाजी लगा देंगे हम,
दुश्मनों को वतन से मिटा देंगे हम।
है कसम इस तिरंगे की वतन के लिए,
ये तिरंगा उनके सीने पर लहरा देंगे हम !

आजादी की कभी शाम ना होंगे देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम ना होने देंगे।
बची है लहू की ग़र एक बूँद भी रगों में,
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम ना होने देंगे !

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सींच दू खून से अगर इस चमन  के काम आए,
काश मेरा लहू भी मेरे वतन के काम आए।
न जाने कौन सी घडी आख़िरी हो हमारी,
ये तन मन धन फिर वतन के काम आए !

भारत का वीर जवान हूँ मैं, 
ना हिन्दू ना मुसलमान हूँ मैं, 
जख्मों से भरा सीना हैं मगर,
दुश्मन के लिए चट्टान हूँ मैं
भारत का वीर जवान हूँ मैं !

हिमालय से उंचा रहे सर इसका हमने दिल में ठाना है,
रंग दो बसंती चोला मेरा हमको सरहद पर जाना है।
कोई नजर न इसकी ओर उठे ऐसी पहरेदारी हो,
दुश्मन की छाती पर तिरंगा फिर से लहराना है !

आज के दिन उस मंज़र को याद करे,
शहीदो की देश भक्ति को याद करे।
जब मिली थी आजादी हमको खून के बदले,
आओ उन देश प्रेमियो को याद करें !

जाँ से प्यारा वतन है हमारा,
हम तो इसके पहरेदार रहेंगे।
सौ जनम भी लुटा दें इसके लिए,
तब भी हम इसके कर्जदार रहेंगे !

सुना है, कुछ मक्कार
हमारी वीरता का सबूत मांगते हैं।
ज़रा भेजो तो उन्हें सरहद पर,
सिरफिरे खुद के लिए ताबूत माँगते हैं !

दुनिया में महकता हुआ चमन चाहता हूँ,
शान्ति उन्नति से भरा गगन चाहता हूँ।
जान जाए इसके खातिर कोई गम नहीं,
बाद मरने के बस तिरंगा कफ़न चाहता हूँ !

देखा जो शहीदों ने वो मंजर हैं तिरंगा,
हर धर्म से हर जात से ऊपर हैं तिरंगा।
मैं लोकतंत्र देश और मेरा नाम हैं भारत,
आजादी मेरी जान हैं, मेरा सर हैं तिरंगा !

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