Emotional sad shayari Love
सितम ग़र ऐसा देखा ना हमने कहीं जमाने में,
द़गा ऐसी भी होती है मोहब्बत के फसाने में।
कोई महबूब रोए या रिहाई मांगे उल्फ़त की,
मांगे भीख ना मिलती मोहब्बत के ठिकाने में।।
पाने से ज्यादा तो खोने में मज़ा ही कुछ और है।
बंद आंखों से रोने में
मज़ा ही कुछ और है।।
आंसू बने लफ्ज़.. और लफ्ज़ बने ग़ज़ल, और
इस
ग़ज़ल में तो तेरे होने का मज़ा ही कुछ और है।
सिला भी खूब उल्फत का दिया है दिलरुबा ने ही,
जहर पहले ही दिया है मेरी
बेवफा ने ही।
लाख मन्नतें मांगी, फिर भी तुम ना तरस लाए,
तबाह करके
गऽला माऽरा है, वो बेहया ने ही।।
उसके बाद तो हमने मुस्कुराना छोड़ दिया,
दिल ऐसा टूटा की दिल लगना
छोड़ दिया।
और ओ ढूंढ रहे हैं जमाने में मुझसे बेहतर,
जिसकी
खातिर हमने तो जमाना छोड़ दिया।।
एक पल आके जो गुजर जाए;
वो एक हवा का झोंका है और कुछ
नहीं।
कहती है सारी दुनिया मोहब्बत जिसे;
ओ एक रंगीन धोखा है और कुछ नहीं।।
नसीब
वालों को मिलता है ऐसा हमसफ़र..
जो दूर रहकर भी भरोसा ना तोड़े!!
काग़ज़ पे नहीं लिखते हम राज़ मोहब्बत के,
पल भर में बिखर जाते हैं
अल्फ़ाज़ मोहब्बत के।
हमने तो उन्हें टूट कर चाहा लेकिन,
आज
खुद ही बदल दिए वो अंदाज़ मोहब्बत के।।
दर्द ने दर्द में रोने का हक छीन लिया।
रिश्तों ने रिश्तों को
तोड़ने का हक छीन लिया।
किसी तरह जी तो हम रहे थे जिन्दगी; पर
किस्मत
ने तो हमसे जीने का हक छीन लिया।
धोखा दे जाती है अक्सर मासूम चेहरे की चमक,
हर चमकते टुकड़े कहीं हीरे नहीं होते!
फ़िज़ा में महकती शाम हो तुम,
प्यार में झलकता हुआ जाम हो तुम।
सीने
में छुपाये फिरते हैं हम याद तुम्हारी,
इसीलिए मेरी जिंदगी का तो
दूसरा नाम हो तुम।।
मोहब्बत की शम्मा जला कर तो देखो,
जरा दिल की दुनियाँ सज़ा कर तो
देखो।
तुम्हें हो ना जाये मोहब्बत तो कहना,
तुम जरा
हमसे नज़रें मिला कर तो देखो।।
थोड़ी मोहब्बत तो उसे भी हुई होगी मुझसे,
दिल तोड़ने के लिए इतना वक़्त
कौन बर्बाद करता है।
बहुत रोका मगर रुक न सका,
इश्क़ तो बढ़ता ही गया, गुनाहों की तरह
!
वो दर्द के बिस्तर पर सुलाकर के गयी है,
आंखों से मेरी नींद चुराकर के
गयी है।
खुलती ही नहीं आंख गये दिन को,
ना जाने वो कौन सी दवा पिलाकर के गयी
है।
तेरे साथ को तरसे और तेरी बात को तरसे,
तेरे होकर भी तेरी एक मुलाकात
को तरसे?
दूरियाँ बहुत हैं मगर इतना समझ लो,
पास रहकर ही कोई खास नहीं होता।
तुम तो इस कदर पास हो मेरे दिल के, कि
मुझे तो दूरियों का एहसास नहीं होता।
Emotional sad shayari 2 line
वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ ना करे.
मैं तुझको भूल के
जिंदा रहूँ, कभी खुदा ना करे।
सर झुका कर तो.. बात की है साहब..
अब खुद को.. मिट्टी में ही मिला दूं क्या..??
तू ना समझ मेरे इसारे ..तुमको गुमराह हम ना करें..
शादी शुदा भी
उलझ जाये तो तुम क्या चीज़ हो कुंवारे!
वास्ता ही नहीं रखना तो नज़र क्यूँ रखते हो..
किस हाल में ज़िंदा हूँ
मैं, ये खबर क्यूँ रखते हो!
जो बीत गया है वो अब दौर ना आयेगा,
इस दिल में शिवाय तेरे कोई और ना आयेगा।
सपने फूंक दिया हमने, अब राख उठानी है,
जिन्दगी और कुछ नहीं, बस तेरी मेरी कहानी है।
है अगर इश्क़ एक तलब तो तलबगार मैं भी हूं।
है गर इश्क़ गुनाह तो फिर
गुनहगार मैं भी हूं।।
चाहत थी तुम्हारी.. तलब बनने की..।
मलाल ये है कि तुम्हारी.. लत लग
गयी..।।
दिल में छिपी यादों से सवारु तुझे,
तू देखे तो अपनी आँखों मे उतारूं तुझे।
तेरे नाम को लबों पर ऐसे सज़ाना है,
सो भी जाऊं तो ख्वाबों में आकर पुकारूं तुझे।।
फासले मिटाने की कोशिश ने तो फासले बढ़ा दिए,
मैंने कदम बढ़ाना चाहा तो,
तुमने पीछे हटा लिए।।
करनी है खुदा से गुजारिश;
तेरे प्यार के सिवा मुझे कोई बंदगी ना मिले।
हर जनम में मिले यार तेरे ही जैसा,
या फिर कभी जिन्दगी ही ना मिले।।
क्या मांगू उस खुदा से आपको पाने के बाद,
किसका करूं इंतेज़ार आपके आने के बाद।
क्यों दोस्तों पे जान लुटाते हैं लोग,
मालूम हुआ आपको दोस्त बनाने के बाद।।
इल्ज़ाम तो दे दिया तुमने दीवानगी का हमें ..
आईना देखकर बताओ, दीवाना
किया किसने..?
जिंदा हूं अभी मैं, तो अभी आग ना लगाइए..,
दिल लगाइए मुझसे, पर दिमाग
ना लगाइए..।।
चुराकर नजर एक नजर देख लेना,
मोहब्बत का फिर तुम असर देख लेना।
दिल और दिमाग जिद पर अड़े है..,
दोनों एक ही लड़की के पीछे पड़े
है।
रुखसत के वक़्त हाथ मिलाता, मगर..
करवट बदल रहा था कोई दर्द सीने
में।
आँसू 😥 तुम्हारी आँखों में नविश्ता थे, और..
इत्तेफाक मेरी भी
आँखें छलक आयी 😘 ।।
नज़रों का क्या कसूर जो दिल्लगी तुमसे हो गई..
तुम हो ही इतने प्यारे
की मोहब्बत तुमसे हो गई।
करो अहसास बिल्कुल अब, नहीं कुछ मिलने वाला है।
तुम्हारी बेवफाई का
नहीं गुल खिलने वाला है।।
सताने आ गये फिर से मेरी तुर्बत पर बेदर्दी।
अब वो जिन्दगी भर का सुख
नहीं मिलने वाला है।।
Top Emotional Sad Shayari
दिल की धड़कन और मेरी अदा है वो,
मेरी पहली और आखिरी व़फा है
वो।
चाहा है उसे चाहत से भी बढ़कर..,
मेरी चाहत और चाहत की इंतेहा है
वो।।
कुछ दुआ रही, कुछ मोहब्बत रही..
और कुछ इबादत सी हो
गयी।
उनसे मिलने के बाद तो अब..
ये जिन्दगी उनकी अमानत
सी हो गयी।
संसार की सबसे बड़ी हकीकत..,
लोग आपके बारे में अच्छा सुनने पर
शक करते हैं,
लेकिन बुरा सुनने पर तुरंत यकीन कर लेते हैं!
जिंदगी में ऐसे लोग भी मिलते हैं,
जो वादे तो नहीं
करते,
लेकिन निभा बहुत कुछ जाते हैं।
अक्सर वही रिश्ते लाजवाब होते हैं,
जो एहसानों से नहीं, एहसासों
से बनते हैं।
तेरी जरूरत तेरा इंतज़ार और ये कश्मकश,
थक कर मुस्कुरा देते हैं
हम जब रो नहीं पाते।
जो नहीं आता उसका इतना इंतेज़ार क्यों?
किसी के लिए अपना ये हाल
क्यों?
वैसे तो इस दुनिया में बहुत सी चीज प्यारी हैं, पर
जो नहीं मिलता
उसी से इतना प्यार क्यों?
अगर कुछ रिश्ते उम्र भर नाम ही रहें तो अच्छा है,
केवल आँखों ही
आँखों में कुछ पैगाम रहें तो अच्छा है।
है दफ़न मुझमें, कितनी रौनके, मत पूछ!
हर बार उजड़ के भी बस्ता
रहा, वो 'शहर' हूं मैं!
ज़िंदगी कहाँ, बसर कहाँ,
एक तेरा ही ख्याल बाकी हैं,
वो शमा की महफ़िल ही क्या जिसमें दिल ख़ाक ना हो,
मज़ा तो तब है
चाहत का,
जब दिल तो जले, पर राख ना हो।
उसके बाद तो हमने मुस्कुराना छोड़ दिया,
दिल ऐसा टूटा की दिल
लगना छोड़ दिया।
ओ ढूंढ रहे हैं जमाने में मुझसे बेहतर,
जिसकी
खातिर हमनें तो जमाना छोड़ दिया।।
पहले अपनी तलब बढ़ाओ, फिर हमसे प्यार करना।
इश्क जब ना सम्हले,
तब हमसे इजहार करना।।
Emotional Sad Shayari in Hindi
आज आँखों में चमक फिर लौट आई है,
आप के ख़ातिर गली, दिल की सजाई
है।
मैं बनूँ बाती तब तुम दीप बन जाना,
प्रेम की ये लौ
सदा दिल में जलाई है।।
कठपुतली के दर्द इस जहाँ में किसी ने नहीं जाना,
डोर नचाती है
हमको इशारों पर ठुमके लगाते हम,
ख़ुश होता जमाना है, तर होती हैं
हमारी अखियां,
विरासत में मिली है हमको ये दुनिया,
रंगमंच
ही हमारा ठिकाना, हमारा दर्द भला किसने जाना।।
मीत मन का मिले तो चमत्कार है,
प्रीत जैसे ये सावन की बौछार
है।
तुम दुआओं में मेरी सदा ही रहो,
साथ मिल जाये तुम्हारा, यही तो
उपहार है।।
आईना देखोगे तो मेरी याद आयेगी,
साथ गुजारी वो मुलाकात याद
आयेगी
पल भर के लिए वक्त ठहर जायेगा,
जब आपको मेरी कोई बात याद
आयेगी।।
सताने वाले के नाम बदलते गये,
जैसे मयखाने में जाम बदलते
गये।
मैंने भी छोड़ दी पैरवी इस दिल की,
जब मुझ पर लगे
इल्ज़ाम बदलते गये।।
क्या कभी पढ़ पाओगे तक़दीर को,
इन लकीरों में छुपी तस्वीर को।
बाँध
पाओगे न इक पल को कभी,
वक़्त तोड़ेगा कभी तो इस जंजीर को।।
झूठ पर एतवार क्या करना,
हद से ज्यादा दुलार क्या करना।
प्रेम
के बदले प्रेम ही देना हमें,
आपका नाम से उधार क्या
करना।।
मुक़द्दर से नहीं लड़ता, लकीरें खुद बनाता है।
मिली है मुफ़लिसी फिर
भी, बड़ी शिद्दत उठाता है।।
जमाने को नहीं दिखता पसीना क्यों, गरीबों का।
मिले दो वक्त की
रोटी तभी तन को जलाता है।।
बेबस हो जाती हैं धड़कनें,
जब तुम ख्यालों में मुस्कुराते
हो।
कलम एहसास लिखती है,
और काग़ज़ पर तुम उतर आते हो।।
कभी कभी मोहब्बत में वादे टूट जाते हैं,
इश्क़ के कच्चे धागे टूट
जाते हैं।
झुठ बोलता होगा कभी चाँद भी,
इसलिए तो रूठ
कर तारे टूट जाते हैं।।
मस्त नज़रों से ही देख लेता,
अगर तमन्ना थी आजमाने की।
हम
तो बेहोश यूँ ही हो जाते,
क्या जरुरत थी मुस्कराने की।।
खुद को इतना भी ना बचाया कर,
बारिश हो कभी तो भीग जाया कर।
चाँद
लाकर कोई नहीं देगा तुझे,
अपने चेहरे को खुद से तूं चमकाया
कर।।
दर्द हीरा है, मोती है, दर्द आँखों से मत बहाया कर,
काम ले कुछ हसीन
होठों से भी;
बातों बातों पर तूं भी मुस्कुराया कर।।
धूप भी मायूश होकर लौट जाती होगी,
छत पर कपड़े भी तो सुखाने आया
कर।।
और कौन कहता है दिल मिलाने को,
कम से कम हमसे हाथ तो मिलाया
कर।।
लम्हें ये सुहाने साथ हो ना हो,
कल में आज जैसी बात हो न
हो।
आपका प्यार हमेशा इस दिल में रहेगा,
चाहें भले ही
पूरी उम्र मुलाकात हो ना हो।।
रात जब किसी की याद सताये,
हवा जब आकर बालों को सहलायें।
कर
लो आँख बंद और सो जाओ,
क्या पता जिसका है ख्याल वो ख्यालों में आ
जाये।।
तेरे साथ तो संवर गयी जिन्दगी हमारी,
हमारे लिए सब से बढ़ कर
हैं, खुशियाँ तुम्हारी।
और ना कोई तमन्ना है, ना चाहत
है,
बस तुम साथ रहो, यही ख्वाहिश है हमारी।।
करोगे याद तुम भी गुजरे जमाने को,
तरसोगे हमारे साथ, एक पल
बिताने को।
फिर आवाज़ दोगे हमें, वापस बुलाने को,
और
हम कहेंगे! दरवाजा नहीं है कब्र से बाहर आने को।।
वो दिल ही क्या जो कभी वफा ना करे,
तुझे भूल कर जीना हो, कभी
खुदा ना करे।
रहेगी तेरी मोहब्बत मेरी जिन्दगी बन कर,
वो
बात तो और है, अगर जिन्दगी द़गा ना करे।।
कुछ ज़िंदगी ही मिली थी ऐसी की,
चैन से जीने की सूरत ना हुई..
जिसे
चाहा, उसे पा न सके....
ना जाने उसी से मोहब्बत क्यों हुई।।
अपने किरदार पे वफ़ादारी का लिबास रखती हूँ,
खुद भी खास हूँ और
दोस्त भी खास रखती हूँ।
तेरे हर एक गम को अपनी रूह में उतार लूं,
अपनी ये जिन्दगी तेरी
चाहत में सवार लूं।
मुलाकात हो तुझसे कुछ इस तरह मेरी..,
सारी
उम्र बस एक मुलाकात में गुजार लूं।।
रह जाता इश्क़ जिंदा दोनों के बीच,
अगर कुछ उन्होंने बोल दिया
होता!
ना दूर वो होते ना हम तड़प रहे होते,
अगर राज दिल का
ये खोल दिया होता!
मिले वफा मोहब्बत में अब वो दौर नहीं,
अब इश्क़ महज़ खेल हैं कुछ
और नहीं।
वक़्त गुजरता रहा पर साँसें थमी सी थी,
मुस्कुरा
रहे थे हम, पर आँखों में नमी सी थी।
साथ हमारे ये जहाँ था सारा, पर..
ना जाने क्यों तुम्हारी कमी सी
थी।
चल चलें ऐसी जगह जहां कोई न तेरा न मेरा हो,
इश्क़ की रात हो और
बस मोहब्बत का सवेरा हो!
मैं ख्वाहिश बन जाऊँ, और तू रूह की तलब,
बस यूँ ही जी लेंगे
दोनों, मोहब्बत बनकर!
तु एक ख्याल सा दिल में समा जाता है,
तू ही बस मेरे दिल को बहुत
भा जाता है।
तेरी आँखों से मैं देखती हुँ दुनियाँ सारी,
अब तो हर तरफ बस तू
ही नज़र आ जाता है।
पूछा जाने किस-किस से लेकिन तेरा पता कहीं मिला नहीं, लेकिन, जब
मिला तेरा पता;
तब मुझे दुनिया में खुद का भी पता नहीं..!!
किसी को उनसे मिलकर इश्क़ हुआ,
किसी को उनको देखकर इश्क़
हुआ।
एक हम ही थे जो उनको देखे ना मिले,
हमको तो उनसे
हुई बातों से ही इश्क़ हुआ।।
फिर कोई, जुदा नहीं कर पायेगा हमें,
हम अगली बार तुम्हें, लकीरों
में लिखवा के लायेंगे।
कुछ दुआ रही, कुछ मोहब्बत रही, और
कुछ यादें ज़िन्दगी भर बरकरार
रही।
ख्वाब कहाँ, नजर कहाँ,
अब मुझे अपनी खबर कहाँ।