Dard bhari Sad shayari
घर से बाहर वो नकाब में निकली,
सारी गली उसके फिराक में निकली।
इंकार करती थी वो मेरी मोहब्बत से,
और हमारी ही तस्वीर उनकी किताब से निकली।।
कबर पर मेरी वो रोने आयी है,
मुझसे मोहब्बत है यह कहने आयी है।
जब जिंदा था तो रूलाया थी बहुत,
अब सोया हूं तो जगाने आयी है।।
किसी फ़कीर ने क्या खूब कहा है दोस्तों,
दिल से दिल तक राह होती है।
जिसकी नियत साफ होती है साहब,
उसकी हर बात में एक बात होती है।।
झूठ की डाल पर नहीं बैठता मैं सच का परिंदा हूं।
जिन हालातों में लोग मर जाते हैं,
आजकल तो उन्हीं हालातों में मैं जिंदा हूं।।
कि जिसको इश्क हो जाए भला वो कैसे सोएगा।
कभी छुप छुपके रोएगा कभी तकिया भिगोएगा।।
बड़े नादान हो तुम जरा समझा करो बातें,
गले मिलकर जो रोता है बिछड़के कितना रोएगा।।
Dard Bhari Sad Shayari in Love
औकात नहीं थी जमाने में,
कि कोई मेरी कीमत लगा सके ग़ालिब।
कम्बख़त इश्क में क्या गिरे,
मुफ्त में ही नीलाम हो गए।
कोई ना मिले तो किस्मत से गिला नहीं करते,
अक्सर लोग मिल के भी मिला नहीं करते।
हर साख पे बहारें आती है जरूर,
मगर हर साख पर फूल खिला नहीं करते।।
मोहब्बत मुकद्दर है कोई ख्वाब नहीं,
ये वो अदा है जिसमे कोई कामयाब नहीं।
जिन्हें पनाह मिली उन्हें उंगलियों मे गिन लो,
जो बर्बाद हुए उनका कोई हिसाब नहीं।।
दर्द से हाथ ना मिलाते तो और क्या करते,
गम के आँसू ना बहाते तो और क्या करते।
उसने मांगी थी हमसे रोशनी की दुआ,
हम खुद को ना जलाते तो और क्या करते।।
उजड़ गया तेरा मेरा रिश्ता,
जो अब दोबारा नहीं बसेगी।
मैं तुझे माफ तो कर देता पर,
तूं तो साप है जो दोबारा डसेगी।
अगर उतार दूं अपना जुनून कागज पर,
टपक पड़ेगा फिर आंखों से खून कागज
पर।
लिखा है और नाम तेरा फिर मिटाया है,
तलाश करता हूं अब हर पल
सुकून कागज पर।।
क्या जमाना था कि हम रोज मिला करते थे,
रात भर चांद के हम राह फिरा करते
थे।
देखकर जो हमें चुपचाप गुजर जाता है,
कभी उस शख्स को हम प्यार
किया करते थे।।
हुई जब शाम तो अंगड़ाईयों में डूब गया,
क्या करूं दिल मेरा तन्हाइयों
में डूब गया।
जिसे गुमान था देखेगा ना मेरी झलक,
वो मेरे जख्मों की
गहराइयों में डूब गया।।
गम के बगैर कोई वजूदे खुशी नहीं,
बेफिक्र जिन्दगी भी तो कोई जिन्दगी
नहीं।
उसको मिलेगा खाक मोहब्बत का कुछ मजा,
जिसको किसी से आज तक
मोहब्बत हुई नहीं।।
सफर है एक मगर तैयारियां बहुत सी हैं,
वफ़ा के राह में दुश्वारियाँ बहुत
सी हैं।
करो जो इश्क तो करना इसे इबादत सा,
जहां में फैली यूं
बीमारियां बहुत सी हैं।।
जहन में तेरे जब-जब इश्क का ख्याल आएगा।
ये शख्स तुम्हें सबसे पहले याद
आएगा।।
और गौर करना अगर फिर से मुहब्बत में पड़ गए तो;
वो शख्स
तुम्हें मुझसे ज्यादे नहीं पहचान पाएगा।।
आप भी आईना देख के समझने की कोशिश करेंगे,
एक दिन अपने आपको जानने की
कोशिश करेंगे।
जिंदगी जब यूं कॉंच की तरह तोड़ कर तबाह कर देगी,
उन
टूटे हुए टुकड़ों को समेटने की कोशिश करेंगे।।
हंसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम,
हर दर्द के निशान अब मिटाने
लगे हैं हम।
अब और कोई ज़ुल्म सताएगा हमें क्या भला,
ज़ुल्मों सितम
को अब तो सताने लगे हैं हम।।
कोई हालात नहीं समझता।
कोई जज़्बात नहीं समझता।।
ये तो अपनी अपनी
जिंदगी की बात है।
कोई कोरा कागज समझ लेता है,
तो कोई पूरी किताब
नहीं समझता ।।
मुहब्बत में तो लाखों ज़ख्म खाये हमने,
अफसोश उन्हें फिर भी हम पर ऐतबार
नहीं।
मत पूछो क्या गुजरती है अब मेरे दिल पर,
जब वो कहते है हमें
तुमसे प्यार नहीं।
एक नया दर्द मेरे दिल में जगा कर चला गया,
कल फिर वो मेरे शहर में आकर
चला गया।
जिसे ढूढ़ते रहे हम हरदम लोगों की भीड़ में,
मुझसे वो
अपने आपको छुपा के चला गया।।
फलक में अपनी जन्नतों के सितारे नहीं,
हम उनके है, पर वो हमारे नहीं।
छोटी
सी नाव लेकर, उस समुंदर में उतर गए,
जिसमें तो दूर-दूर तक किनारे नहीं।।
हक़ीकत तो जान लो जुदा होने से पहले,
मेरी सुन भी लो अपनी सुनाने से
पहले।
ये भी सोच लेना भुलाने से पहले,
बहुत रोयी हैं ये आँखें
मुस्कुराने से पहले।।
जो नजर से इस कदर गुजर जाया करते हैं,
वो सितारे भी अक्सर टूट जाया करते
हैं।
कुछ लोग तो दर्द को बयां नहीं होने देते,
चाहे बस चुपचाप बिखर
जाया करते हैं।।
दर्द कितना झेला है बता नहीं सकते,
ज़ख़्म कितने पाए हैं दिखा नहीं
सकते।
आँखों से समझ सको तो समझ लेना,
आँसू गिरे हैं कितने ये गिना
नहीं सकते।।
तेरी आरज़ू भी मेरा ख्वाब है,
जिसका रास्ता बहुत खराब है।
मेरे
ज़ख्मों का अंदाज़ा न लगा,
दिल का पन्ना पन्ना दर्द की किताब है।
Sad Shayari in Love
हम तो उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे,
वो भी पल पल हमें आजमाते रहे।
जब
मुहब्बत में मरने का वक्त आया,
हम मर गए और वो तो मुस्कुराते रहे।
हर पल मैं यही सोचता रहा,
कि कहां कमी रह गयी थी मेरी चाहत में।
उसने
तो इतनी शिदत्त से मेरा दिल तोड़ा,
कि आज तक हम नहीं संभल पाए।।
तू सुबह की किरण बनके मुझे सताती है,
मुझे अपने गहरे दुख का एहसास
दिलाती है।
हमने कितनी भी कोशिश की तुझे भुलाने की,
तेरी याद तो
फिर भी मुझे बहुत रुलाती है।।
ये रोने की सज़ा न रुलाने की सज़ा है,
ये दर्द तो मोहब्बत को निभाने की
सज़ा है।
हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं बहुत आँसू;
ये तो उस
शख्स से दिल लगाने की सज़ा है।।
उसने तो दर्द इतना दिया कि सहा न गया,
उसकी आदत सी थी इसलिए रहा न
गया।
आज भी रोती हूं बहुत उसे दूर देख के,
लेकिन दर्द देने वाले से
यह कहा न गया।।
हम जिसे समझते रहे ज़िन्दगी,
मेरी धड़कनों का तो फरेब था वो।
मुझे मुस्कुराना सिखा के, रूह तक रुला गए वो।।
न जाने क्यों हमें अब आँसू बहाना नहीं आता,
न जाने क्यों हाल-ऐ-दिल किसी
से बताना नहीं आता।
क्यों सब लोग बिछड़ गए हमसे,
शायद हमें ही साथ
निभाना नहीं आता।।
अनजाने में यूं ही हम दिल गंवा बैठे,
इस प्यार में कुछ ऐसे धोखा खा
बैठे।
उससे क्या गिला करें, भूल तो हमारी थी,
जो बिना दिलवालों से
ही दिल लगा बैठे।।
आज तेरी याद, हम सीने से लगा कर रोये,
तन्हाई में तुझे हम ख्वाब में
बुला कर रोये।
कई बार पुकारा इस दर्दे दिल ने तुम्हें,
और हर बार
तुम्हें ना पाकर रोये।।
मेरा ख़याल मन से तुम मिटा भी न सकोगे।
एक बार जो तुम मेरे गम से
मिलोगे,
तो सारी उम्र मुस्कुरा भी न सकोगे।।
वादा हमने किया था, निभाने के लिए;
अपना दिल दिया था, एक दिल को पाने के
लिए।
पहले तो उन्होंने दिल चुरा लिया; और फिर कहा,
मोहब्बत तो की
थी सिर्फ तुम्हे तड़फ़ाने के लिए।
Dard Bhari Sad Shayari
न तस्वीर है तुम्हारी जो दीदार किया जाये,
न तुम हो मेरे पास जो प्यार
किया जाये।
ये कौन सा दर्द दिया है तुमने ऐ सनम,
न दिन में चैन आए
न रात में सोया जाये।
उदास ना होना मुझे याद करके,
मांगना चाहता हूं तुझसे कुछ फरियाद
करके।
ज़िन्दगी में मेरे फिर लौट के ना आना,
क्योंकि जी नहीं पाएगा
तु मुझे बर्बाद करके।।
Dard Bhari Sad Shayari in Hindi
रोज़ उदास होते है हम, रात गुजर जाती है।
कहने को तो जी रहे है
लेकिन,
हर पल हर लम्हा सांस निकलती जाती है।।
प्यार तो सभी को जीना सिखा देता है,
वफा के नाम पर मरना सिखा देता
है।
प्यार नहीं किया तो कभी करके देख लेना,
जालिम हर दर्द सहना
सिखा देता है।।
प्यार में दर्द भरी शायरी
कभी जो कहते थे तुम्हें कभी रोने न देंगे,
आंसू भरी आंख लेके तुझे कभी
सोने न देंगे।
आखिर वहीं हमारी आंख के आंसू बन गए,
जो कहते थे
तुमको कभी खोने न देंगे।।
तुझे चाहा भी था तुझे पाना भी था,
तेरे साथ खुशी का गीत गाना भी था।
लेकिन
तुमने तो मुझे कुछ इस कदर धोखा दिया,
फिर टूटे हुए दिल को समझाना ही
था।।
ज़रा सी ज़िंदगी है, पर अरमान बहुत हैं,
हमदर्द यहां नहीं कोई, इंसान
बहुत हैं।
दिल के दर्द सुनाएं भी तो किसको,
जो दिल के करीब हैं,
वही अन्जान बहुत हैं।
चाहकर तुम बता नहीं सकते,
प्यार को अपने जता नहीं सकते।
फिर क्या
फायदा तुम्हारे प्यार का,
जब एक भी वादा तुम निभा नहीं सकते।।
दर्द बहुत हुआ इस दिल के टूट जाने से,
कुछ न मिला उनके लिए आँसू बहाने
से।
वो जानते थे वजह मेरे दर्द की, फिर भी
वो बाज़ न आये
मुझे आजमाने से।।
दिल मेरा जो अगर रोया न होता,
तो हमने भी आँखों को भिगोया न होता।
दो
पल की हँसी में छुपा लेता हर ग़मों को,
ख़्वाब की हक़ीक़त को गर संजोया
न होता।।
Dard Bhari Sad Shayari in Love
तुम मेरी मैइयत पर रोने न आना,
मुझसे बहुत प्यार था ये जताने न आना।
दर्द
दो मुझे जब तक दुनिया में रहूं मैं,
जब सो जाऊं तो फिर जगाने न आना।।
वो रात बहुत दर्द और सितम की रात होगी,
जिस रात रुखसत उनकी बारात
होगी।
उठ जाता हूँ मैं ये सोचकर आज भी नींद से अक्सर,
कि एक गैर की
बाहों में मेरी कायनात होगी।।
हम हंसते तो हैं पर, दूसरों को हंसाने के लिए।
वरना ज़ख्म तो इतने हैं
कि,
ठीक से रोया तक नही जाता।।
दर्द भरी शायरी
इस दुनिया ने पहले तो कभी मुझे रोने नहीं दिया,
अब तेरी वफा के गम ने
मुझे कभी हसने नहीं दिया।
टूट कर जब मैंने रातों से पनाह मांगी,
वहां
भी तेरी याद ने मुझे सोने नहीं दिया।।
जाने लगे जब वो छोड़ कर दामन मेरा,
टूटे हुए दिल ने एक हिमाक़त कर दी।
सोचा
था कि छुपा लेंगे हर ग़म अपना,
मगर कमबख्त आंखों ने बगावत कर दी।।
प्यार का एहसास गर तुझे दिला ना सका,
मोहब्बत का फूल गर मै खिला ना
सका।
लेकिन तुमने भी मेरे प्यार में बेवफाई बहुत की,
जो आज भी उसे
मै भुला ना सका।।
उन लोगों का क्या हुआ होगा,
जिनको मेरी तरह गम ने मारा होगा।
किनारे
पर खड़े लोग हकीकत क्या जाने,
डूबने वाले ने किस किसको पुकारा होगा।।
मुझको तो दर्द-ए-दिल का मज़ा याद आ गया,
तुम क्यों हुए उदास तुम्हें
क्या याद आ गया।
कहने को जिंदगी तो थी बहुत मुख्तसर मगर,
मेरी तो
कुछ यूँ बसर हुई कि खुदा याद आ गया।।
अपना बनाके क्यूं कुछ दिन में बेगाना बना दिया।
भर गया दिल हमसे तो
मजबूरी, ये बहाना बना दिया।।
हादसे इंसान के संग मसखरी करने लगे,
लफ्ज़ कागज पर उतरके जादूगरी करने
लगे।
कामयाबी जिन्होंने पाई उनके तो घर बस गए,
जिनके दिल टूटे वो
शायरी करने लगे।।
हम रूठें भी तो किसके भरोसे,
कौन आएगा हमें मनाने के लिए।
हो सकता
है, तरस आ भी जाए आपको,
पर दिल कहाँ से लाये..आप से रूठ जाने के लिए।