आप भी आईना देख के समझने की कोशिश करेंगे, एक दिन अपने आपको जानने की कोशिश करेंगे। जिंदगी जब यूं कांच की तरह तोड़ कर तबाह कर देगी, उन टूटे हुए टुकड़ों को समेटने की कोशिश करेंगे।।
गीत लिखे भी तो ऐसे जो सुनाये ना गये, जख्म यूँ लफ्ज़ों में उतरे की दिखाये ना गये। और वो आज तक रखे हैं पछतावे की अलमारी में, एक दो वादे जो दोनों से निभाए ना गए।
घाव गहरा बहुत था पर दिखता नहीं था, दिल बहुत दुखता था पर कोई समझता नहीं था। बाद में सब कहते तो हैं कि हमसे कह सकते थे, पर जब कहना चाहा तो कोई सुनता नहीं था।।
खूबसूरत सा एक पल किस्सा बन जाता है, जाने कब कौन जिंदगी का हिस्सा बन जाता है। कुछ लोग जिंदगी में मिलते है ऐसे, जिनसे कभी ना टूटने वाला रिश्ता बन जाता है।।
थोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँ, ये क्या कम है, अपनी पहचान बचा पाया हूँ। कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकती यादें, जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ।।