New Heart Touching Shayari
NEW HEART TOUCHING SHAYARI
गली गली यूं मोहब्बत के ख्वाब बेचूंगा।
मैं रख कर रेहड़ी पर ताजा गुलाब बेचूंगा।।
काटा है आस्तीन के सांपों ने इस कदर।
मैं सामने पड़ी हुई रस्सी से डर गया।।
मतलब निकलते ही आप बेकार साबित कर दिए जाएंगे।
खास भले हैं, नया मिलते ही दरकिनार कर दिए जाएंगे।।
तुझे चाहा तो हद से ज्यादा ही था,
पर तुम किसी के हो तो उसी के रहो।
काबिल होकर भी कामयाब ना हुआ,
थोड़ा और अभ्यास करूंगा मैं।
बीत जाए चाहे एक और साल भले ही,
पर एक बार और प्रयास करूंगा मैं।।
हमने खाया है हमेशा अपने ही हुनर का,
हम भीख में मिला आसमां भी नहीं लेते।
अपने किरदार से महकता है इंसान,
चरित्र पवित्र करने का इत्र नहीं आता।
याद रखना ही मोहब्बत में नहीं है सब-कुछ,
भूल जाना भी बड़ी बात हुआ करती है।।
ना दर्द को दर्द समझे ना अश्क को अश्क समझे।
जो खुद फरेबी थे, मेरे हर सच को फरेब समझे।।
झूठ कहते हैं लोग शराब गम हल्का कर देती है,
मैंने अक्सर देखा है लोगों को नशे में भी रोते हुए।
दिल में घाव सा कर जाती हैं उनकी निगाहें,
मुड़ कर देखने वाले जब देखते ही मुड़ जाते हैं।
तेरी मुहब्बत की तलब थी,
तो हाथ फैला दिया हमने।
वरना हम तो अपनी जिंदगी के लिए
कभी दुआ भी नहीं मांगते।।
ख्वाहिशों के काफिले भी बड़े अजीब होते हैं।
ये निकलते भी वहीं से हैं जहां रास्ते नहीं होते।।
यादों की जड़ें फूट ही पड़ती हैं कहीं से।
दिल सूख जाता है मगर बंजर नहीं होता।।
बेशक शुद्ध शब्दों से लिखूंगा कहानी तुम्हारी,
लोग पढ़ेंगे जरूर मगर चप्पल उतार कर।।
वो लड़का जो अब तुम्हारा होना नहीं चाहता।
वो कभी तुम्हारा होकर भी तो देखा होगा।।
ये हुनर तो सिर्फ लड़कों के ही हक में आया।
महबूब से बिछड़ कर लड़कियां कब पागल हुई।।
ऐ खुदा! जब तूने मेरी किस्मत का पर्चा छापा,
तो सच बता तेरा हाथ क्या नहीं कांपा?
दिल को झकझोर देने वाली टॉप शायरी
जो निभा दे साथ उस साथ का भी शुक्रिया।
छोड़ दे जो बीच में उस हाथ का भी शुक्रिया।।
दुख अगर यह न सिखा पाए कि जीवन में प्राथमिकता क्या है, तो मित्र! अभी का दुख देखा नहीं तुमने।।
समझोगे तुम कहां कि इश्क बेपनाह क्या होता है।
क़ातिल को कहां खबर, दर्द कितना, कहां होता है।।
दोस्त, किताब और रास्ता गलत हों,
तो आदमी जरूर गुमराह हो जाता है।।
खामोशी को चुना है हमने बकाया सफर के लिए,
अब अल्फाजों को जाया करना अच्छा नहीं लगता।।
तूं तंग बहुत थी मेरे इजहार जुनून से,
ले मैं तेरी तलब भूल गया, अब खुश।।
नसीब मेरा मुझसे ना जाने ख़फ़ा हो जाता है।
मैं जिसको अपना मानूं वो बेवफा हो जाता है।।
दिल को चोट अक्सर वही लोग देते हैं।
जिनपर हम दिल खोलकर भरोसा करते हैं।।
ये मेरा फ़र्ज़ बनता है मैं उनके हाथ धुलवाऊं।
सुना है उन्होंने मेरे नाम से किचड़ उछाला है।।
कर लो स्वीकार कुछ दोष तुम कुछ हम।
यह निर्दोष बने रहने में नुकसान बहुत है।।
उनकी सोहबत में गए, सम्हले, दोबारा टूटे।
हम किसी शख्स को दे दे कर सहारा टूटे।
ये अजीब रस्म है बिल्कुल ना समझ आई हमें।
प्यार भी हम ही करें और दिल भी हमारा टूटे।।
किस्मत ने जैसे चाहा वैसे ढल गए हम।
बहुत संभल के चले फिर भी फिसल गए हम।।
किसी ने विश्वास तोड़ा तो किसी ने तोड़ा दिल,
और लोग कहते हैं कि बहुत बदल गए हैं हम।।
Heart Touching Shayari in Hindi
बुरे वक्त में भी जो तुमसे जुदा ना हो।
गौर से देखना कहीं वो खुदा ना हो।।
अब तेरे वास्ते ले आऊं मैं कहां से उसको।
जो मैं था उसको तो दफनाए अरसा हो गया।।
बस एक मेरी मोहब्बत ही ना समझ पायी तुम...।
बाक़ी मेरी हर गलती का हिसाब बराबर रखती हो।।
तुमसे ना कट सकेगा यह अंधेरे का सफ़र।
अब तो शाम हो रही है मेरा हाथ थाम लो..!
अब तो इस राह से वह शख्स गुजरता भी नहीं।
अब किस उम्मीद के झरोखे से झांके कोई.....।
बेवजह मन पर कोई बोझ न भारी रखिए,
जिंदगी जंग है इस जंग को जारी रखिए।।
लिबास अगर सफेद है तो संभल संभल कर चलिए।
यह तोहमतों की दुनिया, यहां दाग बहुत लगते हैं।।
पत्तों ने रंग बदला और वो गिर गए.....।
वरना पेड़ को संभालने में तो दिक्कत नहीं थी।।
लोग रह गए इतराते हुए चालाकियों पर अपने,
वह समझ ही ना सके कि क्या-क्या गंवा बैठे।।
मेरी चाहत का मुझे ही नुकसान हो गया।
मैंने इतना चाहा कि वो मुझसे परेशान हो गया।।
कई दफा जब खुद से बढ़कर,
तुम किसी से मोहब्बत करते हो।
तुम इतने सस्ते हो जाते हो कि,
उसे तुम मुफ्त के ही लगते हो।
मसला यह नहीं कि तुम मिल नहीं पाओगे,
मसला यह है कि हम भूल नहीं पाएंगे।।
जिंदगी उलझाएं रहती है गुनाहों में हमें।
इतनी फुर्सत ही नहीं देती कि शर्मिंदा भी हों।।
बात जहां जिगर कि हो....,
चौड़ाई वहां छाती की नहीं नापी जाती प्रधान..!
कभी जीने वालों से भी पूछो कि वो जिंदा कैसे हैं।
मरना वालों को तो सब पूछते हैं कि वो मरा कैसे।।
जिसने अपने घाव खुद भरे हों,
उससे ज्यादा खतरनाक कोई नहीं।।
वो शख्स मेरे ऱग ऱग से वाकिफ हैं इस क़दर।
वो उसी ऱग पर हाथ रखता है जो दुखती बहुत है।।
जमाना जोर देकर पूछता है दर्द की शिद्दत,
दर्द तो फिर दर्द है, कम क्या, क्या ज्यादा।।
अश्क गिरते भी नहीं पलकों से,
और दिल बेहिसाब रोता है ...!
बड़े ही बदनसीब होते हैं वो लोग,
जिन्हें किसी से इश्क़ होता हैं ...!
तरीका और भी है इस तरह परखा नहीं जाता,
चिरागों को हवा के सामने रखा नहीं जाता।