Heart touching Love Shayari
कुछ नहीं चाहिए आपकी एक मुस्कान ही काफी है,
आप दिल में बसे रहोगे ये अरमान ही काफी है।
हम ये भी नहीं कहते की हमारे पास आ जाओ,
बस हमें याद रखना; ये एहसास ही काफी है।।
यूँ मुस्कुराया ना कर तू अपनी ही गली में,
मेरी यादें तुझे बेमतलब ही बदनाम कर देंगी।
अभी तो खुश है तू मुझे याद करके,
मेरे जाते ही ये तेरा जीना हराम कर देंगी।।
मोहब्बत ना रस्म है ना रिवाज है,
ये तो अनछुआ सा इक एहसास है।
जिससे भी हो जाये वही बस ख़ास है,
वही धड़कन और वही विश्वाश है।।
हम पर इलज़ाम है की इकरार नहीं करते,
खुलेआम मुहब्बत का इज़हार नहीं करते।
हमारी ख़ामोशी से वो समझते है,
के हम तो उनसे प्यार नहीं करते।।
एक दिल है बेजुबान जो कुछ कह नहीं सकता,
किसी की जुदाई ये कभी सह नहीं सकता।
काश वो समझ जाये दिल की आवाज़,
कि कोई है जिसके बिना ये दिल रह नहीं सकता।।
तेरी आरज़ू में हम दीवाने हो गए,
तुझे अपना बनाते बनाते बेगाने हो गए।
कर ले एक बार याद अपने दिल से,
तेरे दिल की आवाज़ सुने ज़माने हो गये।।
अपनी धड़कनों से कुछ ऐसे मेरा नाम लो,
ये वक़्त रुक जाये इन लम्हों को थाम लो।
तेरी आँखों में झलक है ऐसे मेरे प्यार का,
साहिल पे जैसे ढलती हंसी शाम हो,
लफ्ज़ो से होता नहीं इज़हार हमसे प्यार का,
बस मेरी आँखों में देखकर खुद को पहचान लो।
जैसे तरसता है सेहरा शबनम छूने को,
कभी वैसे रब से तुम भी मुझे मांग लो।।
प्यार तो वो है जो ज़ज़्बात को समझे,
मोहब्बत तो वो है जो एहसास को समझे।
मिलते हैं बहुत ज़माने में अपना कहने वाले,
पर अपना वो है जो बिन कहे हर बात को समझे।।
जो तुझसे प्यार है वो बहुतो को चुभता है,
जैसे सुर्ख गुलाबी फूल संग काँटों के उगता है।
जतन कितनी भी कर ले ये मगर मालूम नहीं,
मैं वो मुसाफिर हूँ जो बस मंज़िल पर रुकता है।।
अरमान था तेरे साथ जिंदगी बिताने का,
शिकवा खुद के खामोश रह जाने का।
दीवानगी इससे बढ़कर और क्या होगी,
आज भी इंतज़ार है तेरे आने का।।
दिल है पर धड़कना नहीं जानता,
आशिक मिला पर इश्क़ करना नहीं जानता।
मैं ही गलती कर दी उनसे प्यार करके,
पर मेरा दिल जिसे चाहता, उसे छोड़ना नहीं जानता।।
दीवानगी में कुछ ऐसा कर जायेंगे,
मोहब्बत की सारी हदें पार कर जायेंगे।
वादा है तुमसे दिल बनकर तुम धड़को,
और सांस हम बन जाएंगे।।
जब कुछ सपने अधूरे रह जाते है,
तब दिल के दर्द आँसू बन कर बाह जाते है।
जो कहते है हम सिर्फ आपके है,
पता नहीं वो कैसे अलविदा कह जाते है।।
सफर वहीं तक जहाँ तक तुम हो,
नज़र वही तक जहाँ तक तुम हो।।
वैसे तो हज़ारों फूल खिलते है गुलशन में,
मगर खुशबू वहीं तक जहाँ तक तुम हो।।
दिल की हसरत जुबां पे आने लगी,
तुमने देखा और जिंदगी मुस्कुराने लगी।
ये इश्क़ की इन्तेहां है या दीवानगी मेरी,
हर सूरत में तेरी सूरत नज़र आने लगी।।
आपकी इस दिल्लगी में हम अपना दिल खो बैठे,
कल तक ऊपर वाले के थे आज आपके हो बैठे।
सुना तो था की प्यार दीवाना कर देता है सबको,
करके जो देखा खुद तो हम भी होश खो बैठे।।
तेरी चाहत और मेरी मोहब्बत में,
बस फर्क है इतना,
मैं तेरे थोड़े से हिस्से में हूँ,
जबकि तूं मेरे कतरे कतरे में है।
दर्द लिखूं तो तेरी शिकायत होती है,
मोहब्बत लिखूं तो मेरी नुमाईश होती है।
वो लफ्ज़ तू खुद आकर लिख जा,
जिसमें मुकम्मल इश्क़ की गुंजाईश होती है।।
चंद खोटे सिक्के जो खुद नहीं चले बाजार में,
वो भी कमियाँ ढूंढ रहे है आज मेरे किरदार में।
मैं अपनी वफाओं की यूँ मिसाल देता हूँ,
कोई कुछ पूछे तो टाल देता हूँ।
अक्सर उन्ही लोगों से मिलता है मुझे फरेब,
जिनके पांव से कांटे निकाल देता हूँ।
Best Emotional Love Shayari
अलफ़ाज़ की शक्ल में एहसास लिखा जाता है,
यहाँ पानी को तो प्यास लिखा जाता है।
मेरे जज़्बात से वाकिफ है मेरी कलम भी,
जो कुछ भी लिखू तो तेरा नाम लिख जाता है।।
गीत लिखे भी तो ऐसे जो सुनाये ना गये,
जख्म यूँ लफ्ज़ों में उतरे की दिखाये ना गये।
और वो आज तक रखे हैं पछतावे की अलमारी में,
एक दो वादे जो दोनों से निभाए ना गए।
इस दिल फरेब की निगाहों में बस जायेंगे,
हर लम्हें में आपके शामिल हो जायेंगे।
जब नहीं होंगे तो ढूंढोगे हमको तुम,
इस हद तक आपके दिल में उतर जायेंगे।।
कभी तुम ये साथ नहीं छोड़ना,
कुछ सोचकर कदम ना मोड़ना।
बहुत प्यार करते है हम तुमसे,
इस उम्मीद को तुम कभी मत तोडना।
सपना कभी साकार नहीं होता,
मोहब्बत का कोई आकार नहीं होता।
सब कुछ हो जाता है इस दुनियाँ में,
मगर दोबारा किसी से सच्चा प्यार नहीं होता।।
कोई ख्वाहिश तेरे लिए अधूरी ना रहे,
चाहे जिसे तू उससे दूरी ना रहे।
खुशिओं के फूल इतने खिलें तेरे जीवन में,
कि हमारी याद भी तेरे लिए जरुरी ना रहे।
बेइंतेहा वफ़ा का भी क्या करियेगा जनाब,
हर किसी की किस्मत में मोहब्बत नहीं होती।।
याद रूकती नहीं रोक पाने से,
दिल मानता नहीं किसी के समझाने से।
रुक जाती है धड़कन आपको भूल जाने से,
इसलिए आपको याद करते है जीने के बहाने से।।
इन निगाहों से ओझल मत होना,
मेरे दिल की इबादत हो तुम।
तुम ही तुम हो मेरे दिल की हर धड़कन में,
इन धड़कनों की चाहत हो तुम।।
ना कोई वाकिफ कितने दर्द लिए चलती हूँ,
टूटती हूँ हर सुबह जब आईना देखती हूँ।
झूम के चलती हूँ हँस कर मिलती हूँ,
मैं रोज़ ऐसे कितनों को दाग झेलती हूँ।।
चल किसी रोज़ ये करके भी देखेंगे,
हम कभी तेरा बनकर भी देखेंगे।
लड़कर ज़माने की रस्म ए रिवाज़ो से,
तुम्हें अपना बनाकर भी देखेंगे।।
है इश्क़ तोहमत अगर जिस जिस की नज़र में,
हर उस शख्स से नज़र मिलाकर हम भी देखेंगे।।
हिचकी दिला कर ये कैसी उलझन बढ़ा रहे हो,
आँखे बंद है फिर भी नज़र आ रहे हो।
बस इतना बता दो मुझे मेरे हमदम,
मुझे याद कर रहे हो, या अपनी याद दिला रहे हो।।
आ जाओ किसी रोज़ तुम्हारी रूह में उतर जाऊं,
साथ रहू मैं तुम्हारे किसी और को न नज़र आऊँ।
चाह कर भी कोई छू ना सके कोई,
इस तरह तुम कहो तो यू तुम्हारी बाहो में बिखर जाऊं।
आज आइने को क्या हुआ,
क्यूँ तेरी शकल दिखा रहा है।
ये इश्क़ की कौन सी मंज़िल है,
कि हर तरफ तू ही नज़र आ रहा है।।
तुम दूर हो मगर दिल में एक एहसास होता है,
कोई है जो हर पल दिल के आस पास होता है।
याद तो सबकी आती है मगर,
तुम्हारी याद का एहसास ही कुछ खास होता है।
नज़राना मोहब्बत का अपने महबूब को क्या दूं,
जो खुद बेशकिमती है मुझे उसको तोहफ़ा क्या दूं।
इश्क़ की किताब पर बस तुमको ही लिखा है,
अपने प्यार की इबादत को शब्दों का आशियाना क्या दूं।।
रोज़ एक ताज़ा शेर कहाँ से लिखूं तेरे लिए,
तुझमें तो रोज़ एक नई बात हुआ करती है।।
वो शमां की महफ़िल ही क्या,
जिसमें दिल ख़ाक ना हो।
मज़ा तो तब है चाहत का,
जब दिल तो जले पर राख ना हो।।
हर बला से खूबसूरत तेरी शाम कर दूं,
प्यार अपना मैं तेरे नाम कर दूं।
मिल जाये अगर दोबारा यह जिंदगी,
तो हर बार ये जिंदगी तेरे नाम कर दूं।।
मुमकिन नहीं कि वो बेखबर हो जज़्बातों से मेरे,
बात दिल कि थी दिल तक तो जाती ही होगी।।
हद से ज्यादा अगर बढ़ जाये ताल्लुक तो गम मिलते है,
हम इसी वास्ते हर शख्स से अब कम मिलते है।
जिंदगी मोहताज़ नहीं मंज़िलो की,
वक़्त हर मंज़िल दिखा देता है।
मरता नहीं कोई किसी से जुदा होकर,
वक़्त सबको जीना सीखा देता है।।
वक़्त कहता है मुझे गवाना मत,
दिल कहता है मुझे लगाना मत।
प्यार कहता है मुझे आज़माना मत,
और हम कहते है हमें भूल जाना मत।।
काश की खुदा ने दिल शीशे के बनाये होते,
तोड़ने वालों के हाथ जख्म तो आये होते।
लम्हो का इश्क़ नहीं सदियों की इबादत है,
कैसे करे शिकायत हर सांस को तेरी चाहत है।
चेहरे पे तेरे सिर्फ मेरा ही नूर होगा,
उसके बाद तू ना कभी मुझसे दूर होगा।
जरा सोच के देख क्या ख़ुशी मिलेगी,
जिस पल मेरे माँग में तेरे नाम का सिन्दूर होगा।।
आँखे ऊँची उठी तो दुआ बन गयी,
आँखे नीची हुई तो हया बन गयी।
जो झुक के उठी तो खता बन गयी,
उठकर झुकी तो अदा बन गयी।।
वो मुलाकात कुछ अधूरी सी लगी,
पास होकर भी कुछ दूरी सी लगी।
होठो पे हँसी और आँखों में नमी थी,
पहली बार किसी की चाहत जरुरी सी लगी।।
ख्वाहिशों के समंदर के सब मोती तेरे नसीब हो,
तेरे चाहने वाले हमसफ़र तेरे हरदम करीब हो।
कुछ यूँ उतरें तेरे लिए रहमतो का मौसम,
कि तेरी हर दुआ हर ख्वाहिश कबूल हो।।
इतने गहरे जख्म थे कि निशाँ मैं हटा न सका,
इतना जिद्दी नसीब है की हाथों से मिटा न सका।
बस कुछ यूँ बस गया मेरे मन में वो बेवफा,
उससे कम्बख्त इश्क़ ऐसा कि चाह कर भी घटा ना सका।।
हम तुम्हें कभी खुद जुदा नहीं होने देंगे,
तुम देर से मिले, इतना नुकसान ही काफी है।
कौन किसे याद रखता है,
भला खाक हो जाने के बाद।
कोयला भी यहाँ कोयला नहीं रहता,
राख हो जाने के बाद।।
तुझे बिकना हो तो व्यापार भी हो सकता है,
तेरा चाहने वाला ही तेरा खरीदार भी हो सकता है।
अपने दुश्मनो को शक की निगाहों से न देखो,
तेरा कातिल तेरा यार भी हो सकता है।।
हुस्न ढल गया गुरुर अभी बाकी है,
नशा उतर गया सुरूर अभी बाकी है।
जवानी ने दस्तक दी और चली गयी जेहन में,
लगता है कहीं फितूर अभी बाकी है।।
जिन्दा रहना है तो शौक को जिन्दा रखिये,
उम्र की ऐसी तैसी मन उड़ता परिंदा रखिये।
करते रहे मिन्नतें हाथ जोड़े बहुत हैं,
फिर भी उसने मेरे सपने तोड़े बहुत हैं।।
उसी के लिए मांगता है दिल दुआये जिसने,
इस दिल पे छोड़े जख्म बहुत है।।
खोज में, तलाश में किसकी झूठी आस में।
सुकून में, जूनून में, तू मत जी फ़िज़ूल में।।
जख्म है, चोट है, दर्द ही रहबर तेरा,
जहाँ भी मिले, वही पर घर है तेरा।।
ज़ोर नहीं इस पर मेरा क्या होता है मुझको,
इश्क़ में तेरे बस, बेबस पाता हूं मैं खुद को ।
ख़फा भी रहते है वफ़ा भी करते है,
अपने प्यार को वो आँखों से बयां करते हैं।
ना जाने कैसी नाराज़गी है उसकी हमसे,
हमें खोना भी चाहते हैं और पाने की दुआ भी करते हैं।