Emotional Shayari in Hindi
भटक गये उन राहों पे, जहां मंज़िल का ठिकाना न था।
गयी जिंदगी उन राहों पे, जहां हमें जाना न था।।
कुछ किस्मत की मेहरबानी, कुछ हमारा भी कसूर था।
हमने खो दिया सब कुछ वहाँ, जहाँ कुछ पाना न था।।
तुम बस उलझे रह गए मुझे आज़माने में।
और हम हद से गुजर गए तुम्हें चाहने में।।
दर्द आँखों से निकला, तो सब ने कहाँ कायर है ये।
दर्द अलफ़ाज़ में क्या ढला, सबने कहाँ शायर है ये।।
किनारा मिला तो किनारा नहीं था,
जब बहना था तो कोई सहारा नहीं था।
यही एक दिल है जिसको समझे थे अपना,
ना जाने था किसका हमारा नहीं था।।
प्यास दिल की बुझाने वो कभी आया ही नहीं,
कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं।
बेरुखी इससे बड़ी और भला क्या होगी,
एक मुद्दत से उसने हमें सताया ही नहीं।।
मुद्दतों बाद जब उनसे बात हुई.....
मैंने कहा कुछ झूठ ही बोल दो.....और
वह हंस के बोले, तुम्हारी याद बहुत आती है।।
ख़ामोशी में सुकून अंधेरों से राहत है,
मेरी शोर से शिकायत, और तन्हाई से चाहत है।
मेरी नासमझ ने मुझे इस दुनियाँ से अलग रखा,
अकेले रहना मज़बूरी नहीं बस मेरी आदत है।।
प्यार वो दरियाँ है जिसका कोई साहिल नहीं होता।
लगता है हर कोई मोहब्बत के काबिल नहीं होता।
रोता तो वो भी है, जो डूबा हो प्यार की दरियाँ में।
रोता वो भी है जिसे प्यार हासिल नहीं होता।।
नया पाने की चाहत में पुराना छूट जाता है,
मैं हाथ जो थामूं जमाना रूठ जाता है।
मोहब्बत पढ़ने लिखने में बहुत आसान होती है,
पर मोहब्बत को निभाने में पसीना छूट जाता है।।
जीना चाहा तो जिन्दगी से दूर थे हम,
मरना चाहा तो जीने को मज़बूर थे हम।
सर झुका के कबूल कर ली हर सजा,
बस कसूर इतना था कि बेक़सूर थे हम।।
उसको मेरी तड़प का गुमाँ तक नहीं हुआ,
मैं इस तरह जली कि धुँआ तक नहीं हुआ।
तुमने तो अपने दर्द के किस्से बयाँ कर दिए,
हमसे तो हमारा दर्द बयाँ तक नहीं हुआ।।
कैसे कहें कि जिन्दगी क्या देती है,
हर कदम पे ये केवल दगा देती है।
जिनकी जान से भी ज्यादा कीमत हो दिल में,
उन्हीं से दूर रहने की बस सजा देती है।।
दिल किसी से तब ही लगाना,
जब दिलों को पढ़ना सीख लो।
हर एक चेहरे की फितरत में वफादारी नहीं होती।।
मैं वो लम्हा हूँ, जिसकी याद तुझे हर लम्हें में
आएगी।
भुला कर देख ले तू मुझे,
तेरी खामोशियों में भी मेरी ही आवाज़ आएगी।
हकीकत के पीछे ख्वाब देना पड़ता है,
बिना मर्ज़ी के भी सबको जवाब देना पड़ता है।
बड़ी अजीब सी हो गयी है ये है ये दुनियाँ,
अब तो खुशियों का भी सबको हिसाब देना पड़ता है।।
तनहा गुजर रहा वक़्त तो क्या हुआ,
तेरी यादों का हुजूम मेरे साथ आज भी है।
बस गीत ही भुला हूँ मैं अभी तक,
तेरी धड़कनों का साज़ मुझे याद आज भी है।।
सागर से जा मिले थे मेरे अश्क़ जब यूँ ही।
सैलाब आयेगा मुझे इसका पता न था।।
जख्म गहरे देकर वह पूछते बड़े प्यार से,
चोट खाई कैसे बोलो तीर या तलवार से।
रोज मिलकर मुस्कुराते देखकर वो दूर से,
बात भी करते नहीं कुछ डरते फिर इजहार से।।
पढ़ लेते हैं मेरे चेहरे की बेरुखी भी कभी,
अब वही कहने लगे कुछ तुम छुपाते हो यार से।
इश्क चाहत और मोहब्बत सभी प्यारे हैं मुझे,
बस नहीं भाए दिखावे मुझे कैसे भी दिलदार से।।
छोड़ तूफानों में हमको जो चले आए कभी,
अब भला वह क्यों हमें निकालेंगे मझधार से।।
जिंदगी है सफर का सिलसिला,
कोई मिल गया कोई बिछड़ गया।
जिन्हें मांगा था दुआओं में हमने,
वो बिन मांगे ही किसी और को मिल गया।।
कल और आएंगे गीतों की खिलती कलियां चुनने वाले,
मुझसे बेहतर लिखने वाले, तुमसे बेहतर सुनने वाले।
कोई मुझको याद करें, क्यों कोई मुझको याद करे,
व्यस्त जमाना मेरे लिए, क्यों वक्त अपना बर्बाद
करें।।
समझदारी की हद तक मैं समझती हूं सब कुछ।
पर बात जब तुम्हें समझने की आये,
तो मुझसे नासमझ भी कोई नहीं !!!