Emotional Sad Shayari on Love
छोड़ दिया हमने उन लोगों से बात करना।
जो हमारे होकर भी, हम उनके लिए कुछ नहीं हैं।।
मेरे इश्क का स्वाद तुमने चखा ही नहीं,
थोड़ा कड़वा ही तो था, मगर बेवफा नहीं।
चलो न साथ चलते हैं समन्दर के किनारों तक,
किनारे पर ही देखेंगे किनारा कौन करता है।
मोहब्बत ने आज हमको रुला दिया,
जिस पर मरते रहे, उसी ने भुला दिया।
हम तो उनकी याद में आँसुओं को पीते गये,
एक दिन तो उसने आँसुओं में जहर मिला दिया।।
ना वो सपने देखो जो टूट जाये,
ना ही वो हाथ पकड़ो जो छुट जाये।
मत आने दो किसी को करीब इतना कि,
उसके दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये।
मैं इश्क में जीत के आने के लिए काफी हूं,
मैं अकेला ही जमाने के लिए काफी हूं।
मेरी हर हकीकत को ख्वाब समझने वालों,
मैं अकेला ही तुम्हारी नींद उड़ाने के लिए काफी हूं।।
खुश्बू तेरी मुझे महका जाती हैं,
तेरी हर बात मुझे क्यों बहका जाती हैं।
साँस को बहुत देर लगती हैं आने में, पर
हर सांस से पहले तेरी ही याद आ जाती हैं।
मेरी यादों में तुम हो, या मुझमें ही तुम हो;
मेरे ख्यालों मे तुम हो, या मेरा ख्याल ही तुम हो।।
दिल मेरा धड़क के पूछे, बार-बार एक ही बात;
मेरी जान में तुम हो, या मेरी जान ही तुम हो।।
इश्क़ है या इबादत, कुछ भी समझ नहीं आता;
एक खूबसूरत ख्याल हो तुम, जो
दिल से नहीं जाता।
कभी शाम ढले जब हम मिलें, ना दिन ढले ना रात हो।
ये आरज़ू दिन रात हो ये जिन्दगी तेरे साथ हो।।
कुछ लम्हें और तुम्हारा साथ चाहते हैं।
आँखों में थमीं वो बरसात चाहते हैं।।
Emotional Sad Shayari
जानते हैं तुम भी चाहते हो, तुम भी मगर;
पर तुम्हारी जुबां से एक बार इज़हार चाहते हैं।।
दिल में राज छुपा है दिखाऊ कैसे,
हो गया है प्यार आपसे बताऊं कैसे।
दुनिया कहती हैं मत लिखो नाम, पर
दिल पर जो नाम है, उसे मिटाऊ कैसे।
इस हकीकत को जिन्दगी में राज़ रहने दो,
अगर है कोई एतराज तो एतराज रहने
दो।
पर जब दिल करे हमें याद तो कर लिया करो,
मगर उसे ये मत कहना कि
आज रहने दो।।
हुआ कुछ यूँ कि हम खुद से दूर हो गये।
नाम जुबां पे आया भी नहीं तेरा;
मगर तेरे नाम से तो हम मसहूर हो गये।।
तरस रहे हैं बहुत मुद्दतों से हम,
अपनी मोहब्बत का तो इज़हार लिख दो।
दीवाने हो जाये जिसे पढ़ के हम भी,
कुछ ऐसा तो तुम भी एक बार लिख दो।
झुकाकर सर तेरे सज़दे में सुनो इज़हार करते हैं।
छुपाकर इश्क़ ये सबसे निग़ाहें चार करते हैं ।।
कभी बिंदी कभी चूड़ी, कभी पायल बनो मेरी।
सजा दो हाथ मेंहदी से, चलो श्रंगार करते हैं।।
मिलकर के फिजाओं से कुछ रंग चुराने हैं।
तस्वीर करे बातें, अरमाँ तो वो जगाने हैं।।
धड़कन सी धड़कती है चाहत ये मेरे दिल में।
अल्फ़ाज़ सिमट जाएं, ऐसे वो गीत बनाने हैं।।
फूल राहों में गर बिछे ना होते,
दर्द के फिर सिलसिले ना होते।
ज़िन्दगी मौज में ही गुज़र जाती,
ग़र हम कभी मिले ना होते।।
अजनवी आज फिर मिल गया कोई।
क्यों लगा मुझको कि वो है सगा कोई।।
उसकी तहरीर भी कुछ रूमानी थी।
शायरी फिर से मुझ पर कर गया कोई।।
आज लिखते हैं वसीयत में मुहब्बत मेरी,
जो कल मेरे कंधे से बंदूक चलाने आये।।
काश आँखों में समुंदर भी दिखाई देते उन्हें।
क्यों फिर से वो सोये हुये तूफ़ानों को जगाने आये।।
गुजरें न दिन किसी के अज़ीयत से दोस्तों।
रखना सभी को दूर अदावत से दोस्तों।।
मिलता हूँ सबसे मैं जो शराफ़त से इसलिए।
रहता हूँ सबके दिल में मुहब्बत से दोस्तों।।
क्यों ये लहरें किनारों से टकरा रही हैं,
दिल में तूफ़ान है तो बता दीजिये।।
जिक्र आये न आये ये परवाह नहीं।
आप महफ़िल से तो रिश्ता निभा लीजिये।।
मेरी ये सब्र तेरे ख़्यालों से होकर जाती है।
सुबह तलक ही न सोई तो फिर जगाती है क्यों।।
कहीं कहीं पे दिखा अक्सर जो तेरा चेहरा।
धुआं धुआं हुई यादों को दुबारा से जलाती है क्यों।।
नज़र नज़र में कभी प्यार तो दिखा होगा।
ज़माने भर में ज़ुदा सबसे वो लगा होगा।।
यूँ ही नहीं वो दुआओं में माँगता तुमको।
कभी किसी न किसी जन्म में तो मिला होगा।।
पास बैठो ज़रा तुम घड़ी दो घड़ी,
मेरी नज़रों में तो ठहरो घड़ी दो घड़ी।।
प्रेम का सार तो तुमको ही लिखती रही।
ग़र मन से पढ़ो तो तुम घड़ी दो घड़ी।।
ना मैं प्रेम की मूरत, ना नफ़रत मुझसे है हारी।
रखूँगी मान जो सबका तभी सबकी हुई प्यारी।।
हवा हूँ, धूप हूँ पानी कभी बिजली के जैसी हूँ।
लडूंगी खुद अकेले ही, क्योंकि हूं मैं आज की नारी ।।
दर्द अपना समेटे रहें उम्र भर।
जी रहे हैं तुम्हारी हँसी के लिए।।
ग़र जरूरत पड़ेगी तो बेझिझक याद करना।
जान हाजिर रहेगी तुम्हारी खुशी के लिए।
खिड़कियाँ क्यों खोलकर सोते हो रातों में।
हौसला बढ़ जायेगा इससे लुटेरों का।।
किसी से बात करने का जब अलग अंदाज़ होता है।
उतर जाता है दिल में जो,
वही तो ख़ास होता है।।
वो कौन है जो मुझको पल पल बुला रहा है,
ख़्वाबों में मेरे आकर हसीन सपने सजा रहा है।
सपनों में उसके आना जाना नहीं है मुझको,
कोई अनजान मुझसे कैसा रिश्ता निभा रहा है।।
मुस्कराहट बुरे वक्त की श्रेष्ठ प्रतिक्रिया है,
और ख़ामोशी ग़लत प्रश्न
का बेहतरीन जवाब।
उसने पूछा भी था पर मैनें कहा कुछ भी नहीं,
दिल से उतरे हुए लोगों से शिकायत कैसी।
रात के अंधेरे में खुद को छुपा लेते हैं;
दर्द-ओ-गम को आँसुओ में बहा देते हैं।
दिन के उजालों में कोई देख ना ले
मेरी उदासी;
इसलिए होठों पर कुछ मुस्कुराहट सज़ा लेते हैं।।
अकेलापन कहता है महबूब बनाया जाए,
जिम्मेदारियां कहती हैं वक्त बर्बाद होगा।
टुकड़े पड़े थे राह में किसी हसीना की तस्वीर के,
लगता है कोई दीवाना आज समझदार हो गया।
लगता है मुझे अक्सर जो ख़ास मेरा,
समझा नही उसने कोई एहसास मेरा।
सोच में अपनी रखा जिसको सदा ऊपर,
तोड़ा है उसने जीतकर विश्वास मेरा..।।
रोज़ रोज़ जलते हैं, फिर भी खाक ना हुए।
अजीब हैं कुछ ख्वा़ब भी, बुझकर भी राख ना हुए।।
ना जाने कैसा फसाना सुना गयी मुझको,
हवा जरा सी चली तो रुला गयी मुझको।
उसी के ख्वाबों में दिन रात खोए रहते हैं,
वो एक निगाह जो पागल बना गयी मुझको।।
EMOTIONAL SAD SHAYARI IN HINDI
किस्मत वाले को ही मिलती हैं पनाह मेरे दिल में..
यूँ ही हर सख्स.. इसका हक़दार नहीं होता।
मैं जो तड़प के तुमसे फरियाद कर रहा हूँ;
खामोशियों पर मेरी फिर इल्जाम ना लगाना।
रूठी जो जिंदगी ग़र मुझसे अगर वो जालिम;
फिर साथ अपने नाम के मेरा नाम ना लगाना।।
फिकी चुनरी देह की, फीका हर बन्धेज;
जिसने रंगा रूह को, वो सच्चा रंगरेज।
इश्क़ के अब तो अफसाने कहाँ रहे,
यादों में जो बसे थे वो दीवाने कहाँ रहे।
होते थे जो फिदा एक दूसरे की चाहत में,
मोहब्बत के अब वो जमाने कहाँ रहे।।
रहिमन चुप हो बैठिये, देखि दिनन के फेर।
जब नीके दिन आइहैं, बनत न लगिहैं देर।।
रोने की सज़ा है ना रूलाने की सज़ा है,
ये दर्द तो मोहब्बत को निभाने की सज़ा है।
हँसते है तो निकल आते है आँखों से आँसू,
ये तो उस शख़्स से दिल लगाने की सज़ा है।।
मेरा हाल देखकर मोहब्बत भी शर्मिन्दा है।
कि सब कुछ हार गया फिर भी कैसे जिंदा है।।
ना पूछों मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक है;
कर ले तु सितम तेरी हसरत जहाँ तक है।
तुझसे वफ़ा की उम्मीद जिन्हें होगी उन्हें होगी;
हमें तो देखना है तू बेवफा कहां तक है।।
ताश, जुआ और दो अंगुली का कुआं;
इंसान को बर्बाद कर देता है।
हमारी गलतियों से कहीं टूट ना जाना;
हमारी शरारत से कभी रूठ ना जाना।
तुम्हारी चाहत ही जिन्दगी है हमारी;
इस प्यार के बंधन को कहीं भूल ना जाना।।
कुछ रहे ना रहे, तेरी मोहब्बत का सहारा रहे;
प्यार में डूबा ये दिल हमारा रहे।
खुशियाँ तेरी, सारे गम मेरे हों दुआ यही है;
इन आँखों में सदा चेहरा तुम्हारा रहे।।
Sad Shayari in Hindi
अरमान था तेरे साथ जिन्दगी बिताने का;
शिकवा है खुद से खामोश रह जाने का।
दीवानगी इससे बढ़ कर और क्या होगी;
आज भी तो इंतेज़ार है तेरे आने का।।
बेकरारी में भी अब करार नज़र आता है;
नफरत में भी हमें अब प्यार नज़र आता है।
ये तो बस एक बहाना है हमसे बात करने का;
अब तो उनके गुस्से में भी इकरार नज़र आता है।।
रात की खामोशी रास नहीं आती;
मेरी परछाई भी अब मेरे पास नहीं
आती।
कुछ आती भी है तो बस तेरी याद;
आकर भी एक पल मुझसे दूर नहीं जाती।।
किस्मत वाले को ही मिलती हैं पनाह मेरे दिल में..
यूँ ही हर सख्स.. इसका हक़दार नहीं होता।
फिकी चुनरी देह की, फीका हर बन्धेज;
जिसने रंगा रूह को, वो सच्चा रंगरेज।
कभी गम तो कभी तन्हाई मार गयी;
कभी याद आकर उसकी जुदाई मार गयी।
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने;
आखिर में उसकी ही बेवफाई मार गयी।।
इश्क़ ने तो हमें बदनाम कर दिया;
हर खुशी से हमें अंज़ान कर दिया।
हमने तो नहीं चाहा की हमें मोहब्बत हो;
लेकिन आपकी नज़र ने हमें नीलाम कर दिया।।
माना कि कभी दिल की बात ना बताओगे;
पर आँखों में जो है वो कैसे छुपाओगे।
वादा तो रहा ये हमारा भी तुमसे;
जब भी दिल में झाकोगे हमारी तस्वीर पाओगे।
दिल चाहता है आज फिर एक पैग़ाम दे दुं;
मरते दम तक तुझे चाहने की जुबां दे दुं।
ना कोई हसरत रखूं, ना रखू कोई आरज़ू;
बस तेरी खामोशी को वफा का नाम दे दुं।।
उसके चेहरे पर इस कदर नूर था;
कि उसकी यादों में तो रोना भी मंज़ूर था।
बेवफ़ा भी तो नहीं कह सकते उसको जालिम;
प्यार तो हमने किया, वो तो बेकसूर था।।
इश्क़ के गुल बस इंतेज़ार में नहीं खिलते;
मंज़िल पे खड़े लोग मजधार में नहीं मिलते।
रूह तक में बस जाये वो खुश्बु जिन फूलोॅ की;
अब वो फूल इस दिखावे के बाजार में नहीं मिलते।
प्यार तो वो है जो जज़्बात को समझे;
मोहब्बत तो वो है जो एहसास को समझे।
मिलते है जहाँ में बहुत अपना कहने वाले; पर
अपना तो वो है जो बिना कहे हर बात को समझे।।
आरज़ू चाहिये किसी को याद करने की;
लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं।
खैर मनाओ पिंजरे मे बंद पंछीयों की;
याद तो वो आते हैं जो मौका पाकर उड़ जाते है।।
ऐ चाँद मत पूछ मै किसकी फरियाद करता हूँ,
मत पूछ मै किसके दिल की बात करता हूँ।
वो मुझे याद ना करे तो क्या हुआ,
मैं तो उसे अभी भी दिल से याद करता हूँ।।
दिल को सबके लिए पत्थर बना के रखी है,
तेरी यादों को भी जेवर बना के
रखी है।
और जिसे समझ रहे लड़की वो जादूगरनी है साहब,
हम जैसे
कितनों को कबूतर बना के रखी है।।
कभी खुदपे तो कभी हालात पर रोना आया,
बात निकली तो हर एकबात पर रोना
आया।
हम तो समझे थे कि वो भूल गये हमको,
पर फिर आज उन्हें किस बात
पर रोना आया।।
मत करो मोहब्बत अब किसी से,
अब तो जिस्म के भी बाजार हैं।
हम
भी उस बेवफा से दिल लगा बैठे,
जिसके पहले से खुद आशिक हजार हैं।।