Romantic Love Shayari in Hindi
नींद चुराने वाले पूछते हैं, सोते क्यों नहीं।
हमने भी कह दिया कि इतनी फिक्र है तो;
हमारे होते क्यों नहीं।
आज खुदा ने मुझसे कहा!
उसे भूला क्यों नहीं देते?
मैंने कहा इतनी फिक्र है तो मिला क्यों नहीं देते।।
हक़ीक़त ना सही तुम ख़्वाब बन कर मिला करो,
भटके मुसाफिर को चांदनी रात बनकर मिला करो।
साड़ी के पल्लू को कमर में,
यू न सरेआम दबाया कर।
कमर का तो पता नही…
दिल हमारा लचक जाता हैं।।
कभी लफ्ज़ भूल जाऊं कभी बात भूल जाऊं,
तूझे इस कदर चाहूँ कि अपनी जात भूल जाऊं।
कभी उठ के तेरे पास से जो मैं चल दूँ,
जाते हुए खुद को तेरे पास भूल जाऊं।।
जब मुझे प्यास लगती हैं न, तो आपके रसीले
होठों की बहुत याद आती हैं।
तुम मिल गए तो मुझसे नाराज है खुदा,
कहता है कि तू अब कुछ माँगता नहीं।
सच्चा प्यार वही हैं जो,
आँखों से काजल बहने न दे।
और होठों पर लिपस्टिक रहने न दे।।
मेरी बाँहों में बहकने की सज़ा भी सुन लो,
अब बहुत देर में आज़ाद करूँगा तुझको।
रात का मौसम हो, नदी का किनारा हो।
गाल आपका हो, और किऽस हमारा हो।।
अल्फाज़ की शक्ल में एहसास लिखा जाता है,
यहाँ पर पानी को भी प्यास लिखा जाता है।
मेरे जज़्बात से वाकिफ है मेरी कलम भी,
प्यार लिखूं तो तेरा नाम लिखा जाता है।
इससे ज़्यादा तुझे और कितना करीब लाऊँ मैं,
कि तुझे दिल में रख कर भी मेरा दिल नहीं भरता।
प्यार भरी रोमांटिक शायरी
एक सपने की तरह तुझे सजा के रखूं,
चाँदनी रात की नजरों से छुपा के रखूं।
मेरी तक़दीर में तेरा साथ नहीं है वरना,
सारी उम्र तुझे अपना बना के रखूँ।।
गम में ख़ुशी की वजह बनी है मोहब्बत,
दर्द में यादों की वजह बनी है मोहब्बत।
जब कुछ भी ना रहा था अच्छा इस दुनिया में,
तब हमारे जीने की वजह बनी है यह मोहब्बत।।
वो मेरे चेहरे तक अपनी नफरतें लाया तो था,
मैंने उसके हाथ चूमे और बेबस कर दिया।
तन्हाइयों में मुस्कुराना इश्क़ है,
एक बात को सब से छुपाना इश्क़ है,
यूँ तो नींद नहीं आती हमें रात भर।
मगर सोते-सोते जागना और,
जागते-जागते सोना ही इश्क़ है।।
उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा,
आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा ।
मेरा हर लम्हा चुराया आपने,
आँखों को एक ख्वाब दिखाया आपने।
हमें ज़िंदगी भी दी और,
फिर प्यार में जीना सिखाया आपने।
Love Shayari in Hindi
मुस्कुराहट पर तो लाखों फ़िदा होते हैं,
बात तब बने जब आँसुओं का भी कोई हिस्सेदार हो ...
भरोसा जिसपे होता है मुझे लोगों जमाने में।
वही आगे निकलता है हमेशा दिल दुखानें में।।
समझ में कुछ नहीं आता, यकि़ किस पर करूं।
मैं जिसको अपना कहता हूं, वही हमें रहता मिटाने में।।
और किसकी तमन्ना करें,
हम तेरे बगैर जीने का।
कोई मज़ा ही नहीं तेरे बगैर।।
आज हंगामे के साथ तेरी याद आयी,
बेताब है दिल उलझी है सांसे तेरे बगैर।
काश तुम भी चले आते,
बे वक़्त बारिश की तरह।
हर लफ्ज लाजमी है,
अब तुम्हें क्या बताऊं क्या मुमकिन है।।
मिलावट है तेरे इश्क़ में,
इतर और शराब की।
कभी हम महक जाते है,
कभी हम बहक जाते है।।
तेरे बगैर तो कुछ अच्छा लगता नहीं,
सब कुछ पड़ा है सामने पर ये दिल लगता नहीं।
कहां जाऊ क्या करू,
मुझे तुम बिन अच्छा लगता नहीं।।
तोड़ दूँ सारी बंदिशे और, तुझसे लिपट जाऊ।
सुन लूँ तेरी धड़कनों को,
और तेरी बाँहों में लिपट जाऊं,
छू लूँ मेरी सांसो से तेरी सांसो को ,
तेरी हर साँस में घुल जाऊं ।
तेरे दिल में उतर कर, तेरी रूह में मिल जाऊ।
तोड़के सारी जंजीरें आशियाना पाना है।
फ़िक्र क्या करें जब दिल ही आशियाना है।।
सांसे जुड़ जायें सवाल खत्म होते हैं।
इश्क में जहां जुड़ना ही सुकून है वहा लाख बंदिशे हैं।।
मिट्टी में मिलना ही जिन्दगी है।
हर जख्म घुल के पी जाना ही इश्क में जाना है।।
नज़रे तुम्हें देखना चाहें,
तो आँखों का क्या कसूर।
हर पल याद तुम्हारी आये,
तो यादों का क्या कसूर।
वैसे तो सपने पूछ कर नहीं आते,
पर सपने तेरे ही आये,
तो रातों का क्या कसूर।।
दिल तेरी हसरतो से खफा कैसे हो।
तुझको भूल जाने की खता कैसे हो।।
रूह बनकर समा गए हो मुझमे तुम।
रूह फिर जिस्म से जुड़ा कैसे हो।।
तेरा नाम ही क्यों ये दिल रटता है,
क्यों ये दिल सिर्फ तुझपे ही मरता है।
ना जाने कितना नशा है तेरे इश्क़ में,
अब तो तेरी याद में ही ये दिन कटता है।।
राहत भी अपनों से मिलती है,
और चाहत भी अपनों से मिलती है।
अपनों से कभी न रूठना,
क्योंकि मुस्कराहट भी अपनों से मिलती है।।
सरे-आम मुझे ये शिकायत है ज़िन्दगी से,
क्यूँ मिलता नहीं मिजाज़ मेरा किसी से।
मुस्कान को जरा सजा कर चल।
अश्क आंखों में ही छुपा कर चल।।
अब नमक जेब में रखता है जमाना।
जख्म अपने जरा दबा कर चल।।
हँसकर जीना ही दस्तूर है ज़िंदगी का,
एक यही किस्सा मशहूर है ज़िंदगी का।
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते,
यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का।।
हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली,
कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली।
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ,
वो ज़िन्दगी ही क्या जो छाँव-छाँव चली।।
नजरिया बदल के देख, हर तरफ नजराने मिलेंगे।
ऐ ज़िन्दगी यहाँ तेरी. तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे।
खुशी में भी आँख आँसू बहाती रही,
जरा सी बात हमें देर तलक रुलाती रही।
कोई खो के मिल गया तो कोई मिल के खो गया,
ज़िन्दगी हम को बस ऐसे ही आज़माती रही।।
अब तो अपनी तबियत भी जुदा लगती है,
साँस लेता हूँ तो ज़ख्मों को हवा लगती है।
कभी राजी तो कभी मुझसे खफा लगती है,
ज़िन्दगी तू ही बता तू मेरी क्या लगती है।।
तो छोड़ दे तन्हा मुझको।
ऐ ज़िन्दगी मुझे रोज़-रोज़...
तमाशा न बनाया कर।।
Love shayari in Hindi
सारी की सारी मोहब्बत मैंने उस खत में भर दी,
फिर भी मगर मेरा टूटा हुआ दिल जुड़ ना पाया।
इतना दर्द लिखा मैंने उस कागज के एक टुकड़े में,
कबूतर रो दिया मगर लेकर उड़ ना पाया।।
सबके हो गए मगर खुद के ना हो पाए।
हम अपनी जिंदगी के गमों को अश्कों से ना धो पाए।।
पेड़ लगा दिए मोहब्बत का छांव देने के लिए।
अपने दिल की बंजर जमीं पर एक पौधा ना बो पाए।।
कहते हैं पागल का कोई भरोसा नहीं।
पर कोई यह नहीं सोचता कि;
भरोसे ने उसे पागल कर दिया।।
फुर्सत किसे है ज़ख्मों को सराहाने की;
निगाहें बदल जाती हैं अपने बेगानों की।
तुम भी छोड़कर चले गए हमें;
अब तम्मना न रही किसी से दिल लगाने की।।
तुम हसो तो खुशी मुझे होती है।
तुम रूठो तो आँखें मेरी रोती हैं।।
तुम दूर जाओ तो बेचैनी मुझे होती है।
महसूस करके देखा मोहब्बत ऐसी होती है।।
ऐ ख़त के पढ़ने वाले ज़रा दिल लगाके पढ़ना।
आंसू न निकल आये इसलिए ज़रा मुस्कुरा के पढ़ना।।
बाद मरने के मेरे तुम जो कहानी लिखना,
कैसे बर्बाद हुई मेरी जवानी लिखना।
यह भी लिखना के मेरे होंठ हंसी को तरसे,
उमर भर आंख से बहता रहा पानी लिखना।।
शब्दों में क्या तारीफ करूं आपकी,
आप शब्दों में कहाँ बंध पायेंगे।
हमारी आँखों में झांक कर तो देखो,
हज़ारों अल्फ़ाज़ खुद-ब-खुद बिखर जायेंगे।।
सारी उम्र आँखों मे एक सपना याद रहा।
सादिया बीत गयी वो लम्हा याद रहा।।
जाने क्या वो बात है आपमें।
सारी महफ़िल भूल कर बस वो पल याद रहा।।
मौसम को मौसम की बहारों ने लुटा।
हमें कश्ती ने नहीं किनारों ने लुटा।।
आप तो डर गये मेरी एक ही कसम से।
आपका कसम देकर हमे तो हज़ारों ने लुटा।।
दर्द क्या होता है बताएंगे किसी रोज़।
इस दिल की ग़ज़ल सुनाएंगे किसी रोज़।।
उड़ने दो परिंदो को इन आज़ाद फिज़ाओं में।
अगर हमारे हुए तो लौट आएंगे किसी रोज़।।
याद में तेरी आँख भरता है कोई।
हर सांस के साथ याद करता है कोई।।
मौत तो ऐसी चीज़ है जिसे आना ही है।
लेकिन तेरी जुदाई में रोज़ मरता है कोई।।
जब से तेरे संग ये दुरी हो गयी।
जिन्दगी जीना जैसे ये मज़बूरी हो गयी।।
आज पूरी हो गयी हर ख्वाहिश मेरी।
मगर तेरे बिना जिन्दगी अधूरी हो गयी..
जिन्दगी का हर लम्हा खूबसूरत बन सकता था।
मुश्किलें हट सकती थीं रास्ता बन सकता था।।
आज बेशक छूट जाये मेरी दुनियाँ मेरे हाथों से।
तुम अगर साथ देते तो कारवां बन सकता था।।
जब से मेरी तेरे संग ये दूरी हो गयी।
जिन्दगी जीना जैसे ये मज़बूरी हो गयी।।
आज पुरी हो गयी हर ख्वाहिश मेरी।
मगर तेरे बिना जिन्दगी अधूरी हो गयी।।
मेरे प्यार को कोई समझ ना पाया।
रोती थी जब तन्हा कोई पास ना आया।।
मिटा दिया खुद को उसके प्यार में।
और लोग कहते है मुझे प्यार करना ना आया।।
मेरे ख्वाबों में डूबी रहती है हर रात मेरी।
तेरे ख्यालों से होती है हर सुबह की शुरुआत मेरी।।
इस कदर बस गये हो मेरी रग रग में तुम कि;
मेरे हर लफ्ज़ में होती है बस बात तेरी।।
हमने किताब बहुत सी पढ़ी है,
पर याद कुछ नहीं रहता।
वक़्त पर जरुरत की कुछ बातें,
कहने को याद नहीं रहता।।
खुद से ही पूछती हूं कितना अनजान हैं हम भी,
वो पुराना सफर अब याद नहीं रहता।।
कितना भी चाहो ना भुला पाओगे।
हमसे जीतना भी दूर जाओं नजदीक पाओगे।।
हमें मिटा सकते हो तो मिटा दो।
यादें मेरी क्या सपनों से जुदा कर पाओगे।।
ना तुम पूछोगे, ना हाल हम अपना बतायेंगे।
तुम्हारे दर्द से उबरने के लिये, ज़हर भी पी जाएंगे।।
मुझे एतबार है अपनी मोहब्बत पर;
तुम मांगोगी बेशक किसी को अपने जीवन में,
पर अपने मुकद्दर मे हमें ही लिखा पाओगे।।
कभी मोहब्बत हो जाये तो इज़हार मत करना।
उस प्यार के लिये अपनी नींदे खराब मत करना।।
कुछ दिन तो आयेंगे तुमसे मिलने वे;
फिर कहेंगे अब मेरा इंतेज़ार मत करना।।
ना वो कभी आ सके ना हम कभी जा सके।
ना दर्द दिल का किसी को सुना सके।।
बस बैठे हैं उसकी यादों मे खोये हुए।
ना उन्होंने याद किया ना हम भुला सके।।
दर्द ऐ दिल पाओगे वफा करके,
हमने देखा है तजुर्बा करके।।
जिन्दगी तो कभी नहीं आयी,
पर मौत जरूर आयी ज़रा ज़रा करके।।
दीवानगी में कुछ ऐसा कर जायेंगे।
मोहब्बत की सारी हदें पार कर जायेंगे।।
वादा है तुमसे दिल बन कर तुम धड़कोगे;
और सांस बन कर हम आयेंगे।।
सपना कभी साकार नहीं होता।
मोहब्बत का कोई आकार नहीं होता।।
सब कुछ हो जाता है इस दुनियां में।
मगर दोबारा किसी से सच्चा प्यार नहीं होता।।
एक अजीब दास्तां है मेरे अफसाने की।
मैंने पल पल कोशिश की उसके पास जाने की।।
किस्मत थी मेरी या साजिश थी जमाने की।
दूर हुए इतना जितनी उम्मीद थी पास आने की।।
बहुत वक़्त लगा हमें आप तक आने में।
बहुत फरियाद की खुदा से आपको पाने में।।
कभी ये दिल तोड़कर मत जाना।
हमने तो उम्र लगा दी आप जैसा सनम पाने में।।
आदत नहीं है मुझे किसी का इंतेज़ार करने की।
पर तेरा इंतेज़ार करना अच्छा लगता है।।
बहुत खास हो मेरी जिंदगी में तुम।
तुमसे बात करना बहुत अच्छा लगता है।।
उस नजर की तरफ मत देखो।
जो तुम्हें देखने से इंकार करती है।।
इस दुनिया की महफिल में उस नजर को देखो।
जो नज़रें तुम्हारा इंतजार करती हैं।
जो नहीं होता है उसका ही ज़िकर होता है।
हर इक सफ़र में मेरे साथ घर होता है।।
मैं इक फ़कीर से मिलकर ये बात जान गया।
दवा से ज़्यादा दुआओं में असर होता है।।
दुनिया में फकत हम नहीं बर्बाद हुऐ हैं,
यहां कितने ही मुहब्बत में नाकाम हैं यारों।
इस दिल को तसल्ली ना हिमायत की है उम्मीद,
उसे तोड़ कर जाने दो ये उसका काम है यारों ।।
बस उसके ही जलवों से तो रोशन नहीं है रात,
हम भी तो दिल जलाते सरेआम हैं यारों।