Love Shayari in Hindi | बेहतरीन लव शायरी लड़कियों के लिए

Love Shayari in Hindi

मुस्कुराहट पर तो लाखों फ़िदा होते हैं,
बात तब बने जब आँसुओं का भी कोई हिस्सेदार हो ...

भरोसा जिसपे होता है मुझे लोगों जमाने में।
वही आगे निकलता है हमेशा दिल दुखानें में।।
समझ में कुछ नहीं आता, यकि़ किस पर करूं।
मैं जिसको अपना कहता हूं, वही हमें रहता मिटाने में।।

और किसकी तमन्ना करें, 
हम तेरे बगैर जीने का। 
कोई मज़ा ही नहीं तेरे बगैर।। 
आज हंगामे के साथ तेरी याद आयी,
बेताब है दिल उलझी है सांसे तेरे बगैर। 

काश तुम भी चले आते,  
बे वक़्त बारिश की तरह।  
हर लफ्ज लाजमी है,  
अब तुम्हें क्या बताऊं क्या मुमकिन है।।

Love shayari 

मिलावट है तेरे इश्क़ में,  
इतर और शराब की।  
कभी हम महक जाते है,  
कभी हम बहक जाते है।। 

तेरे बगैर तो कुछ अच्छा लगता नहीं,  
सब कुछ पड़ा है सामने पर ये दिल लगता नहीं।  
कहां जाऊ क्या करू, 
मुझे तुम बिन अच्छा लगता नहीं।।

तोड़ दूँ सारी बंदिशे और, 
तुझसे लिपट जाऊ। 
सुन लूँ तेरी धड़कनों को, 
और तेरी बाँहों में लिपट जाऊं, 
छू लूँ मेरी सांसो से तेरी सांसो को , 
तेरी हर साँस में घुल जाऊं ।
तेरे दिल में उतर कर, 
तेरी रूह में मिल जाऊ।

तोड़के सारी जंजीरें आशियाना पाना है। 
फ़िक्र क्या करें जब दिल ही आशियाना है।।

सांसे जुड़ जायें सवाल खत्म होते हैं। 
इश्क में जहां जुड़ना ही सुकून है वहा लाख बंदिशे हैं।। 
मिट्टी में मिलना ही जिन्दगी है।  
हर जख्म घुल के पी जाना ही इश्क में जाना है।।

नज़रे तुम्हें देखना चाहें, 
तो आँखों का क्या कसूर।  
हर पल याद तुम्हारी आये, 
तो यादों का क्या कसूर।
 वैसे तो सपने पूछ कर नहीं आते,  
पर सपने तेरे ही आये, 
तो रातों का क्या कसूर।। 

दिल तेरी हसरतो से खफा कैसे हो।
तुझको भूल जाने की खता कैसे हो।।  
रूह बनकर समा गए हो मुझमे तुम।  
रूह फिर जिस्म से जुड़ा कैसे हो।।  

तेरा नाम ही क्यों ये दिल रटता है,  
क्यों ये दिल सिर्फ तुझपे ही मरता है।  
ना जाने कितना नशा है तेरे इश्क़ में,  
अब तो तेरी याद में ही ये दिन कटता है।।


राहत भी अपनों से मिलती है, 
और चाहत भी अपनों से मिलती है। 
अपनों से कभी न रूठना, 
क्योंकि मुस्कराहट भी अपनों से मिलती है।। 

सरे-आम ​मुझे ​ये शिकायत है ज़िन्दगी से​,​
क्यूँ मिलता नहीं मिजाज़ मेरा किसी से। 

मुस्कान को जरा सजा कर चल। 
अश्क आंखों में ही छुपा कर चल।। 
अब नमक जेब में रखता है जमाना। 
जख्म अपने जरा दबा कर चल।।

हँसकर जीना ही दस्तूर है ज़िंदगी का, 
 एक यही किस्सा मशहूर है ज़िंदगी का। 
 बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते, 
 यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का।। 

हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली, 
कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली। 
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ, 
वो ज़िन्दगी ही क्या जो छाँव-छाँव चली।। 

नजरिया बदल के देख, हर तरफ नजराने मिलेंगे। 
ऐ ज़िन्दगी यहाँ तेरी. तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे। 

खुशी में भी आँख आँसू बहाती रही, 
जरा सी बात हमें देर तलक रुलाती रही। 
कोई खो के मिल गया तो कोई मिल के खो गया, 
ज़िन्दगी हम को बस ऐसे ही आज़माती रही।।
 
अब तो अपनी तबियत भी जुदा लगती है, 
साँस लेता हूँ तो ज़ख्मों को हवा लगती है। 
 कभी राजी तो कभी मुझसे खफा लगती है, 
 ज़िन्दगी तू ही बता तू मेरी क्या लगती है।। 

 तो छोड़ दे तन्हा मुझको।
 ऐ ज़िन्दगी मुझे रोज़-रोज़...
 तमाशा न बनाया कर।।
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